Satha Sugar Mill: बंदर खा गए 35 लाख की चीनी, मिल के दो कर्मचारियों पर केस दर्ज

Satha Sugar Mill: 35.24 लाख की चीनी के घोटाले में जांच कमेटी ने दो कर्मचारियों को दोषी पाया है।

Written By :  Sidheshwar Nath Pandey
Update:2024-06-17 13:33 IST

Satha Sugar Mill (Pic: Social Media)

Aligarh News: दि किसान सहकारी साथा चीनी मिल में 30 दिन में 35 लाख की चीनी बंदर खा गए। इस मामले में अब दो लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। नामजद लोगों में गोदाम कीपर का नाम भी शामिल है। मिल में 1100 क्विंटल चीनी के घोटाले का मामला ऑडिट जांच में उजागर हुआ था। घोटाले को छुपाने के लिए बताया गया था कि चीनी बंदरों ने खा ली और बारिश में बहकर खराब हो गई। शासन स्तर से गठित कमेटी ने पूरे मामले की जांच की रिपोर्ट के आधार पर कारखाना प्रबंधक की ओर से थाना जवां में प्रभारी शुगर गोदाम कीपर और शुगर गोदाम कीपर पर एफआईआर दर्ज कराई है।

6 कर्मचारियों में से दो पाए गए दोषी

मामले का ऑडिट सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने किया था। इस ऑडिट में 35.24 लाख की चीनी गायब करने का मामला उजागर हुआ था। गायब हुई चीनी में घोटले की आशंका थी। छह अफसर व कर्मचारी जिसमें वर्तमान प्रधान प्रबंधक राहुल कुमार यादव, मुख्य लेखाधिकारी ओमप्रकाश, प्रबंधक रसायनविद एमके शर्मा, लेखाकार महीपाल सिंह, प्रभारी सुरक्षा अधिकारी दलवीर सिंह, गोदाम कीपर गुलाब सिंह शामिल थे। इन्हें दोषी मानते हुए गन्ना आयुक्त को कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। मामले में डीएम स्तर पर टीम गठित की गई। टीम ने पूरे मामले की जांच में दो लोगों को दोषी पाया। बाकी सभी को क्लीनचिट दे दी गई है।

ऐसे सामने आया मामला

मामला तब प्रकाश में आया जब लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षक ने 31 मार्च 2024 तक ऑडिट जांच की। जांच में गड़बडियां पाई गई।एक अप्रैल से अक्तूबर 2023 तक चीनी के स्टॉक का मिलान सही पाया गया। इसके बाद स्टॉक का मिलान सटीक नहीं मिला। फरवरी 2024 में चीनी का स्टॉक 1538.37 क्विंटल था जो मार्च में घटकर 401.37 क्विंटल ही रह गया। चीनी मिल से 1137 क्विंटल सफेद चीनी कहां गई इसका कोई पता नहीं चल सका। मिल अफसरों व कर्मचारियों ने बताया कि 1137 क्विंटल सफेद चीनी को बंदरों ने खा लिया। साथ ही चीनी स्टॉक रूम से बारिश में बह गई। 

सहकारी चीनी मिल के एमडी ने दिए थे निर्देश

1137 क्विंटल सफेद चीनी गुप्त रूप से गायब होने के बाद अलीगढ़ से लखनऊ तक सनसनी फैल गई। प्रदेश की सहकारी चीनी मिल के एमडी रमाकांत पांडेय ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने मामले को सुलझाने और दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए डीएम व साथा चीनी मिल के जीएम से बात की। उन्होंने निर्देश दिए कि जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाए। बता दे कि मिल करीब 26 महीनों से बंद थी। यह बात भी अहम है कि सहकारी साथा चीनी मिल के पदेन सभापति डीएम होते हैं। पर साथा चीनी मिल के जीएम समेत अन्य स्टाफ ने मिल बंद होने के बाद कोई भी जानकारी डीएम तक नहीं पहुंचाई।  

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