Online Teacher Attendance: ऑनलाइन हाजिरी का शिक्षकों ने किया विरोध, एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन
Aligarh News: उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने सैकड़ो शिक्षको के साथ ऑनलाइन हाजिरी के विरोध मे घंटाघर पार्क से लेकर जिला कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला।
Aligarh News: उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने सैकड़ो शिक्षको के साथ ऑनलाइन हाजिरी के विरोध मे घंटाघर पार्क से लेकर जिला कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान शिक्षकों ने विभिन्न मांगो को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट को सौंपा। जानकारी देते हुए डॉ प्रशांत शर्मा ने कहा कि सरकार शिक्षकों से ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए 8 जुलाई 24 से बाध्य कर रही है। जिसका शिक्षक शिक्षा मित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा निरंतर विरोध कर रहा है। संयुक्त मोर्चा के अधीन समस्त शिक्षक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य कर रहे है।
तब तक नहीं देंगे ऑनलाइन उपस्थिति - प्रशांत शर्मा
उन्होंने कहा कि जब तक संयुक्त मोर्चा की समस्त मांगो को नहीं मान लिया जाता है तब तक शिक्षक किसी भी कीमत पर ऑनलाइन उपस्थिति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली में ऑनलाइन उपस्थिति देने का कोई नियम नहीं है। शिक्षकों से जनगणना, बालगणना, पोलियो ड्रॉप पिलवाना, परिवार सर्वेक्षण करवाना, विद्यालय की सफाई कराना, शौचालयों की सफाई कराना, एम डी एम का वितरण करना, दूध बंटवाना, फल खरीदवाना,वर्तनों को गिनवाना, बच्चों की साफ सफाई करवाना,विद्यालयों का निर्माण कार्य करवाना आदि गैर शैक्षणिक कराए जाते हैं। जो के उचित नहीं है। जब शिक्षक इन्ही कार्यों को करता रहेगा तो शिक्षण कार्य कब करेगा। विद्यालयों को निपुण कब बनाएगा। शिक्षकों पर ऑनलाइन हाजिरी देने के लिए दवाव बनाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। बहुत से विद्यालय ऐसे हैं जहां पर के जल भराव हो जाता है, विद्यालय तक पहुंचने के लिए रास्ते नहीं है। वहां शिक्षक कैसे पहुंचेंगे ?
महिला संघ की अध्यक्ष योगेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिलाओं की समस्याओं का निदान आज तक सरकार ने नहीं किया है। अभी तो सभी विद्यालयों में टैबलेट भी नहीं पहुंचे हैं, बहुत से विद्यालयों के टैबलेट खराब हो गए हैं और टैबलेट की गुणवत्ता इतनी खराब है कि उनसे कोई भी ऑनलाइन काम करना संभव ही नहीं है। जब तक शिक्षकों की सीसीएल, चिकित्सा अवकाश, जीएफ को ऑनलाइन करना, आज तक समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है।