Aligarh News: पुलिसवाले को बिजली विभाग ने कर दिया भयंकर परेशान, बिजली कनेक्शन विवाद में प्रशासन से न्याय की अपील
Aligarh News : उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं, पिछले छह महीनों से विद्युत विभाग की लापरवाही और प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। नरेश ने अपनी परेशानियों के खिलाफ कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।;
Aligarh News: अलीगढ़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस विभाग के एक कांस्टेबल को विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। यह घटना न केवल प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती है, बल्कि इस सवाल को भी जन्म देती है कि क्या न्याय केवल आम जनता के लिए है या फिर सरकारी कर्मियों को भी अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ता है?
क्या है मामला?
अलीगढ़ जिले के खैर तहसील क्षेत्र के पला चांद गांव के निवासी नरेश, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं, पिछले छह महीनों से विद्युत विभाग की लापरवाही और प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। नरेश ने अपनी परेशानियों के खिलाफ कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
नरेश का कहना है कि यह परेशानी तब शुरू हुई जब उनके रिश्तेदारों ने फर्जी तरीके से उनके भाई और माता के नाम से शपथ पत्र बनवाकर बिजली कनेक्शन अपने नाम करवा लिया। इस कार्य के लिए सहमति पत्र की आवश्यकता थी, लेकिन वह बिना सहमति के किया गया। नरेश ने इसकी शिकायत विद्युत विभाग के स्थानीय अधिकारियों से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बजाय, उन्हें महीनों तक इधर-उधर दौड़ाया गया और उनके मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
DM से लगाई गुहार
नरेश ने अंततः इस मामले की शिकायत अलीगढ़ के जिलाधिकारी कार्यालय में की, जहां उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं निकला। नरेश का कहना है कि वह एक पुलिसकर्मी होते हुए भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो एक बड़ी चिंता का विषय है।
विद्युत विभाग का जवाब
इस मामले में जब खैर के मुख्य अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) से बात की गई, तो उन्होंने माना कि यह मामला काफी पुराना है और इस पर एक जांच कमेटी गठित कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन नरेश और उनके परिवार के लिए यह आश्वासन राहत का कारण नहीं बन सका। नरेश का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा।
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल
उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का उद्देश्य भ्रष्टाचार और अन्याय को समाप्त करना है, लेकिन इस मामले से यह सवाल उठता है कि इस नीति का असर जमीनी स्तर पर क्यों दिखाई नहीं देता? जब एक पुलिसकर्मी खुद न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है, तो आम जनता का क्या हाल होगा?
नरेश के परिवार को इस मामले के कारण मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कनेक्शन का फर्जी स्थानांतरण उनके परिवार के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। नरेश का कहना है कि अगर समय पर न्याय नहीं मिला, तो उन्हें अपने परिवार के साथ और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
मीडिया और प्रशासन से गुहार
नरेश ने मीडिया और प्रशासन से अपनी समस्याओं का समाधान शीघ्र करने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुलिसकर्मियों को इस तरह से न्याय नहीं मिलता, तो यह आम जनता के लिए एक गलत संदेश होगा और इससे प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं।