Aligarh News: सफाई कर्मचारी संघ का एलान, तो बदल देंगे स्मार्ट सिटी की तस्वीर

Aligarh News: अलीगढ़ शहर सफाई व्यवस्था में हमेशा सफाई कर्मचारियों को बड़ा योगदान रहा है स्वच्छ भारत मिशन, वैश्विक महामारी, आपदाओं और बडे त्योहारों पर सफाई कर्मचारी शहर की जनता को स्वच्छ वातावरण देते हैं।

Update:2024-10-22 17:31 IST

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Aligarh News: सफाई कर्मचारियों द्वारा नगर निगम में सफाई कर्मचारी निजीकरण को लेकर अब बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। सफाई कर्मचारियों का कहना है आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को कंपनियों के द्वारा ठेके पर रखा जा रहा है अगर यह निजीकरण अगर हो गया तो नगर निगम की तस्वीर बदलकर सफाई कर्मचारी मजदूर संघ रख देगा।

सफाई कर्मचारी मजदूर संघ के द्वारा एलान करते हुए कहा है हर चीज में निजीकरण हो रहा है लेकिन सफाई कर्मचारियों के साथ कंपनियों के द्वारा ऐसा किया तो नगर निगम की उनके द्वारा तस्वीर बदल दी जाएगी। सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर नगर सफाई मजदूर संघ की ओर से एक प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें नगर सफाई मजदूर संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भण्डारी, पूर्व महामंत्री सुनील दुण्डा ने कहा कि नगर निगम द्वारा आउटसोर्स पर वर्षों से रखे गये। कर्मचारीगण को हर बार किसी न किसी कम्पनी द्वारा टैण्डर कर दिया जाता है। उन कर्मचारियों का रिकॉर्ड खराब हो रहा है। नगर निगम प्रशासन सफाई कार्यों को निजी कम्पनियों के हाथों में थोपना चाहता है जिसकी हम घोर निन्दा एवं विरोध करते हैं।

अलीगढ़ शहर सफाई व्यवस्था में हमेशा सफाई कर्मचारियों को बड़ा योगदान रहा है स्वच्छ भारत मिशन, वैश्विक महामारी, आपदाओं और बडे त्योहारों पर सफाई कर्मचारी शहर की जनता को स्वच्छ वातावरण देते हैं। इसके बाद भी निजी कम्पनियों के हाथों में सफाई कार्य को देना नगर निगम प्रशासन की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है, जिसको किसी भी कीमत पर सफाई कर्मचारी बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष आनन्द शास्त्री और स्थानीय निकाय मजदूर संघ के प्रान्तीय महामंत्री बिल्लू चौहान ने कहा कि यह समाज को आर्थिक रूप से कमजोर करने की नीति है। अलीगढ़ नगर निगम प्राईवेट कम्पनी ए टू जेड/अर्बन जैसी कम्पनियों से अपने समझौते के बावजूद भी शहर की सफाई का कार्य नहीं करा पा रही है।

अगर महापौर नगर निगम शहर के प्रथम नागरिक हैं। उनको सफाई कर्मचारियों के विषय में उनके बच्चों के भविष्य एवं शहर की उन्नति के लिए अच्छी सोच रखनी चाहिए। अगर नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था निजी निजी कंपनियों को दिया गया तो हम एकजुटता के साथ धरना-प्रदर्शन, आंदोलन जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। शीघ्र ही एक बैठक सफाई कर्मचारियों की बुलाई जाएगी जिसमें सर्व समिति से प्रस्ताव कर आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। वहीं शहर की बढ़ती हुई आबादी हेतु कम से कम दो हजार सफाई कर्मचारी और बढ़ाए जायें वो भी केवल वाल्मीकि समाज से ही हों क्योंकि हाल ही में अर्बन कंपनी ने अन्य समाज के लोगों को कार्य पर रखा है जो भलीभाँति कार्य नहीं कर रहे हैं।

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