Aligarh News: दर्जी की बेटी ने नीट में गाड़ा झंडा, रोशन किया जिले का नाम
Aligarh News: अल्फिया ने बताया कि वह एक सफल हृदय रोग विशेषज्ञ बनना चाहती हैं। जिसके वो दिन-रात मेहनत कर रही हैं और उनके माता-पिता भी उनके इस सपने को पूरा करने में लगे हैं।
Aligarh News: एनईईटी के नतीजे आने के बाद अलीगढ़ जिले में खुशी का माहौल है। थाना सिविल लाइन के आलमबाग गली नंबर 5 निवासी दर्जी इरफान खान की बेटी अल्फिया इरफान खान ने नीट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 691 अंक प्राप्त कर अपने माता-पिता के चेहरे पर खुशी ला दी है। गौरतलब है कि अल्फिया खान के पिता पेशे से दर्जी हैं। उनके परिवार के आर्थिक हालात बेहतर नहीं हैं। ऐसे में अल्फिया की सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
महंगाई और प्रतिस्पर्धा के इस युग में एक छोटे दर्जी को अपनी बेटी की सफलता के लिए कितनी परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न केवल उसकी दुकान बल्कि घर भी किराए का है, और घर में वे ही एक मात्र कमाने वाले हैं। सच तो यह है कि उनका व्यवसाय उन्हें दुकान में किसी अन्य कारीगर को रखने की अनुमति नहीं देता है। इसलिए बच्चों को पढ़ाने के लिए वे किराए की इस छोटी सी दुकान में सिलाई का सारा काम अकेले ही करते हैं और घर का खर्च किसी तरह चलते हैं।
हार्ट स्पेशलिस्ट बनना चाहती हैं अल्फिया
अल्फिया ने बताया कि वह एक सफल हृदय रोग विशेषज्ञ बनना चाहती हैं। जिसके वो दिन-रात मेहनत कर रही हैं और उनके माता-पिता भी उनके इस सपने को पूरा करने में लगे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे उन दिनों को कभी नहीं भूल सकती जब उनके पिता उन्हें उस उम्र में भारी सांस लेते हुए ई-रिक्शा में बैठाकर कोचिंग करने के लिए भेजते थे।अल्फिया के पिता इरफान खान ने अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जताई और अपनी कठिन परिस्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए क्योंकि आज के युग में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं भी शिक्षित करने की पूरी कोशिश करता हूं। मेरे बच्चे भले ही मैं एक छोटा सा दर्जी हूँ। मेरी किराये की दुकान हमदर्द नगर में है। जहाँ मैं सिलाई का सारा काम अकेले करता हू और मेरा घर भी किराए का है। मेरे दो लड़के और दो लड़कियाँ हैं। उन सभी को पढ़ाने के लिए। मैं एक दर्जी का काम करता हूँ और जब सिलने के लिए कपड़े नहीं होते तो मैं सब्जियाँ और फल भी बेचता हूँ।
इन हालातों और चुनौतियों से लड़कर अल्फिया खान ने अपना और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है और अल्फिया ने जो सपना देखा था आज वह पूरा हो रहा है।इरफान खान ने बताया कि वह दो बेटियों के पिता हैं। एक बेटी 10वीं क्लास में है जबकि दूसरी बेटी डॉक्टर बनने की तैयारी कर रही है। दर्जी होने के नाते वह किसी तरह घर का खर्च चलाते हैं। सबसे गर्व की बात यह है कि उनकी दो बेटियां हैं और दोनों ही उम्मीदवार हैं।अल्फिया के शिक्षक पवन कुमार सिंह ने कहा कि हमारे संस्थान की खासियत है कि अगर किसी बच्चे में प्रतिभा है तो उसे बढ़ावा दिया जाता है और ऐसे में बच्चे की आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखा जाता है। अल्फिया खान बेहद प्रतिभाशाली और मेहनती हैं। जब संस्थान को अल्फिया की आर्थिक स्थिति के बारे में पता चला तो लड़की को मुफ्त शिक्षा दी गई और आज इस लड़की ने न केवल अपने माता-पिता बल्कि संस्थान का भी नाम रोशन किया है।गरीबी की इस दुनिया में एनईईटी की सफलता के बाद अल्फिया का मेडिकल स्कूल में दाखिला किसी मील के पत्थर से कम नहीं है और अकेले अल्फिया के सपनों को साकार करना संभव नहीं हो सकता है।