मुस्लिमों को आर्थिक आधार पर दिया जाए आरक्षण: शिया ला बोर्ड

बोर्ड का कहना है कि शिया मुसलमान भारत के वफादार रहे है लेकिन किसी कारणवश अगर कोई शिया मुसलमान कोई सम्पत्ति न खरीद सका हो या उसका कोई शैक्षिक रिकार्ड न हो तो भी उसके बारे में पुनर्विचार किया जाए।

Update: 2019-12-08 15:38 GMT
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लखनऊ: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार से एनआरसी पर पुनर्विचार करने की मांग की है। बोर्ड इस संबंध में जल्द ही केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजेगा।

बोर्ड का कहना है कि शिया मुसलमान भारत के वफादार रहे है लेकिन किसी कारणवश अगर कोई शिया मुसलमान कोई सम्पत्ति न खरीद सका हो या उसका कोई शैक्षिक रिकार्ड न हो तो भी उसके बारे में पुनर्विचार किया जाए।

इसके साथ ही बोर्ड ने केंद्र सरकार से शिया मुसलमानों को शैक्षिक संस्थानों और नौकरियों में शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपर के आधार पर आरक्षण देने की मांग भी की है।

मौलाना यासूब अब्बास ने कहा...

राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेनशन सेंटर में रविवार को आयोजित ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिवेशन में पारित हुए प्रस्तावों के संबंध में बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि एनआरसी,मॉब लिंचिंग और शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक करने पर चर्चा हुई।

उन्होंने कहा कि हम एनआरसी के खिलाफ नहीं है मगर उनकी मांग है कि एनआरसी पर सरकार पुनर्विचार करें। मौलाना ने कहा कि शिया मुसलमान अल्पसंख्यक के अंदर अल्पसंख्यक हैं। जितना जुल्म शिया सामुदाय पर हो रहा है उतना किसी पर नहीं।

शिया मुसलमानों को अफ्गानिस्तान और पकिस्तान में मारा जा रहा है और इन हालातों को देखते हुए कनाड़ा ने शिया मुसलमानों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पकिस्तान में शिया मुसलमानों पर हो रहे जुल्मों को देखते हुए क्या भारत सरकार उनके लिए अपने दरवाजें नहीं खोल सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए शिया बोर्ड प्रधानमन्त्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रस्ताव भेजेगी।

इसके साथ ही मौलाना अब्बास ने कहा कि हम किसी भी सरकार के खिलाफ नही हैं लेकिन हमारी सुनवाई कही नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि शिया डेलीगेशन जस्टिस सच्चर से दो बार मिला मगर हमारी सुनवाई नही हुई और जब सच्चर कमीशन की रिपोर्ट पेश की गई तो शिया समुदाय को नजरअन्दाज किया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार एक कमीशन बनाए और शिया समुदाय का सर्वे कराए की हिन्दुस्तान में हम सात करोड़ हैं या सिर्फ सात हैं। यासूब अब्बास ने कहा कि हम किसी दूसरे की रोटी नही खाना चाहते और जो अल्पसंख्यक के नाम पर हिस्सा मिलता हैं शिया सामुदाय तक नही पहुंचता है।

उन्होंने कहा कि शिया पर्सनल ला बोर्ड, मुस्लिम वक्फ बोर्ड का विरोध करता है क्योंकि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड एक होने पर, शिया वक्फ को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड तो यूपी और बिहार की तर्ज पर पूरे मुल्क के हर सूबे में शिया वक्फ बोर्ड बनाने की मांग कर रहा हैं।

इसके साथ ही वार्षिक अधिवेशन में भारत समेत पूरी दुनिया में फैलते आतंकवाद की निन्दा करते हुए कहा कि आतंकी घटनाए करने वाले और उन्हे संरक्षण देने वालो इंसानियत के दुश्मन और हर धर्म के बागी है। बोर्ड ने माब लिन्चिंग की निन्दा करते हुए केंद्र सरकार से इसके खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग की है।

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