हाईकोर्ट : आयुर्वेद यूनानी कालेजों में स्नातक कोर्स में प्रवेश की अवधि बढ़ाने से इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट आयुष स्नातक कोर्ट में प्रवेश की तय समय सारिणी में ढील देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा तय समय सारिणी अनुच्छेद 141 के अंतर्गत देश का कानून है, जिसमें किसी को भी बदलाव करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यूनानी एवं

Update: 2018-01-12 14:06 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयुष स्नातक में प्रवेश की तय समय सारिणी में ढील देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा तय समय सारिणी अनुच्छेद 141 के अंतर्गत देश का कानून है, जिसमें किसी को भी बदलाव करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यूनानी एवं आयुर्वेदिक अल्पसंख्यक कालेज एसोसिएशन द्वारा प्रवेश के लिए समय बढ़ाये जाने की मांग अस्वीकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी है।

यह आदेश जस्टिस तरूण अग्रवाल तथा जस्टिस एस.डी सिंह की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका पर अधिवक्ता राहुल अग्रवाल व भारत सरकार के सहायक सालीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने बहस की। मालूम हो कि आयुष स्नातक कोर्स 2017-18 सत्र में लखनऊ विवि ने प्रवेश परीक्षा आयोजित की, 08 नवम्बर 2017 अंतिम तिथि तय की गयी। भारी संख्या में सीटें खाली रह जाने के कारण 50 फीसदी के बजाय 30 फीसदी अंक पाने वाले छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी गयी। आयुष मंत्रालय की अनुमति लेकर 29 नवम्बर 2017 तक प्रवेश लेने की तिथि तय की गयी। याची संस्था का कहना था कि प्रवेश लेने के लिए पर्याप्त समय न मिल पाने के कारण प्रवेश नहीं हो पाया है।

भारी संख्या में प्रवेश की समय सीमा बढ़ायी जाय। कोर्ट ने याची एसोसिएशन की मांग को उच्चतम न्यायालय के तय समयावधि के विपरीत होने के कारण अस्वीकार कर दिया।

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