मुन्ना बजरंगी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से पूछा ये सवाल
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी सिंह का कहना है कि हत्या में जेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। मुन्ना बजरंगी कई आपराधिक मामलों में आरोपी था, उसकी हत्या के तार माफियाओं से भी जुड़े हो सकते है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग में दाखिल याचिका पर मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा माँगा है और पूछा है कि क्यों न घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी जाय। याचिका की सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
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यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की खंडपीठ ने मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा की याचिका पर दिया है। याचिका में पुलिस की विवेचना की निष्पक्षता पर सवाल उठाये गये है और हत्या की सीबीआई जांच की मांग की गयी है।
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता ओ.पी. सिंह का कहना है कि हत्या में जेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। मुन्ना बजरंगी कई आपराधिक मामलों में आरोपी था, उसकी हत्या के तार माफियाओं से भी जुड़े हो सकते है। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव से केस की विवेचना की स्थिति की भी जानकारी मांगी है।
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