नोएडा सेक्टर-77 गृह प्रवेश बिल्डर को HC से राहत, शिकायत दूर करने का दिया समय
सेक्टर-77 स्थित गृह प्रवेश बिल्डर की आवासीय परियोजना में बिल्डर द्वारा किया गया अवैध निर्माण फिलहाल नहीं गिरेगा।
इलाहाबाद: सेक्टर-77 स्थित गृह प्रवेश बिल्डर की आवासीय परियोजना में बिल्डर द्वारा किया गया अवैध निर्माण फिलहाल नहीं गिरेगा। हाईकोर्ट ने याची बिल्डर को आवासीय परियोजना की कमियों को 4 सप्ताह मे ठीक करने का मौका दिया है। कोर्ट याची के अनुरोध पर यह कहते हुए चेतावनी दी है कि यदि वह 4 हफ्ते मे कमियां दूर कर अथाॅरिटी को नहीं बताता है तो अथाॅरिटी को छूट होगी कि वह कानून के अनुसार अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई करे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राधिकरण के नोटिस को सही ठहराया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि बिल्डर आवासीय परिसर में कराए गए सभी अवैध निर्माण को 4 हफ्ते में ठीक करा ले। उसके प्राधिकरण में कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपे। अगर बिल्डर ऐसा नहीं करता है तो प्राधिकरण उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है।
दरअसल सेक्टर-77 स्थित आवासीय परियोजना गृह प्रवेश के खरीदारों ने प्राधिकरण से शिकायत की थी कि बिल्डर ने मंजूर ले आउट प्लॉन व नक्शे के विपरीत कॉमन एरिया व पार्किग समेत अन्य जगहों पर अवैध निर्माण कर रखा है।
खरीदारों की शिकायत पर प्राधिकरण के प्लॉनिंग विभाग ने आवासीय परिसर का निरीक्षण किया। जिसमें खरीदारों की शिकायत सच पाई गई। जांच के दौरान यह सामने आया कि कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी किए जाने के बाद बिल्डर ने कॉमन एरिया में अवैध निर्माण व ग्रीन एरिया में रेलिंग लगाई गई थी।
इसके बाद प्राधिकरण ने 4 जुलाई और 9 अगस्त को गृह प्रवेश बिल्डर को 2 नोटिस जारी कर तत्काल अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा। नोटिस के बावजूद बिल्डर ने अवैध निर्माण नहीं हटाया तो प्राधिकरण दस्ते ने परिसर में कार्रवाई शुरू की।
इसके खिलाफ गृहप्रवेश बिल्डर के निदेशकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि प्राधिकरण उन्हें जानबूझकर परेशान कर रहा है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई कर बिल्डर की याचिका निस्तारित कर उसे कुछ समय की राहत दी है।
हाईकोर्ट ने बिल्डर की दलीलों को नहीं माना और प्राधिकरण की नोटिसों पर अपनी मुहर लगा दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 4 सप्ताह में बिल्डर स्वयं परिसर में मौजूद सभी अवैध निर्माण हटाए और इसकी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपे।
इसके बाद प्राधिकरण के सम्बंधित अधिकारी परिसर का निरीक्षण कर यह देंखे कि बिल्डर ने सभी अवैध निर्माण हटाए हैं या नहीं। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो प्राधिकरण कानून के मुताबिक कार्रवाई करते हुए परिसर में मौजूद सभी अवैध निर्माण हटा दे। सीईओ ने गृह प्रवेश बिल्डर को नोटिस वहां रहने वालों की शिकायत पर जारी किया गया था।
गृहप्रवेश आवासीय परिसर में रहने वालों की शिकायत पर ही प्राधिकरण ने बिल्डर को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की थी। इस कार्रवाई से बौखलाए बिल्डर ने सीईओ व अन्य प्राधिकरण अधिकारियों पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे। बिल्डर ने आरोप लगाया था कि प्राधिकरण अधिकारी फ्लैट की डिमांड कर रहे हैं।