UP में OBC की 18 जातियां अनुसूचित जाति कैटेगरी में नहीं हो पाएंगी शामिल, HC ने रद्द किया नोटिफिकेशन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है।

Written By :  aman
Update:2022-08-31 16:02 IST

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (photo: social media ) 

Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी (OBC) की 18 जातियों को अनुसूचित जाति (SC Category) में शामिल करने मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शासनकाल में जारी नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है।

इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2017 को सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई थी। ये नोटिफिकेशन यूपी में अखिलेश यादव सरकार के दौरान 21 व 22 दिसंबर 2016 को जारी हुआ था। जिसके इसके बाद 24 जून 2019 को योगी आदित्यनाथ की सरकार में भी नोटिफिकेशन जारी हुआ था। अब, हाईकोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है। इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) और जस्टिस जेजे मुनीर (Justice JJ Munir) की डिवीजन बेंच में हुई। 

क्या है मामला?

आपको बता दें, कि साल 2005 में तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार (Mulayam Singh Government on OBC) ने भी नोटिफिकेशन जारी किया था। ये अलग बात है कि बाद में ये नोटिफिकेशन वापस ले लिया गया था। इस मामले में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि ओबीसी जातियों (OBC castes) को एससी कैटेगरी (SC Category) में शामिल करने का अधिकार केवल भारतीय संसद को है। किसी भी राज्य को इस मामले में कोई अधिकार प्रदत्त नहीं है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक भी लगाई हुई थी।

यूपी सरकार ने 5 साल से नहीं दाखिल किए काउंटर एफिडेविट

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बीते पांच साल में काउंटर एफिडेविट (Counter Affidavit) दाखिल नहीं किया जा रहा था। जिस पर महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र (Advocate General Ajay Kumar Mishra) ने अदालत को बताया कि नोटिफिकेशन बनाए रखने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया।

अब 18 OBC जातियां SC कैटेगरी में नहीं हो पाएगी शामिल

आपको बता दें कि, संविधान के अनुच्छेद 341(2) के तहत संसद को ही ये अधिकार है, कि अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes) की सूची में संशोधन कर सकती है। अब जबकि, नोटिफिकेशन रद्द हो चुका है तो 18 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल नहीं किया जा सकेगा। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अधिकारियों के रवैये पर भी तल्ख टिप्पणी की। अदालत में संवैधानिक प्रावधानों का बार-बार उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को दंडित करने को कहा।

ये हैं वो 18 OBC जातियां जिन्हें SC कैटेगरी में लाया जा रहा था

OBC की जिन जातियों को SC में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, वो हैं- मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ।

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