Live In Relationship: लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े को हाईकोर्ट से राहत, कहा संवैधानिक अधिकार

Live In Relationship: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लिव इन रिलेशनशिप पर वैधता की मुहर लगा दी।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2022-12-31 07:28 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट। (Social Media)

Live In Relationship: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शनिवार 31 दिसंबर 2022 को लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) पर वैधता की मुहर लगा दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की स्वतंत्रता बिना किसी कानूनी अधिकार के नहीं छीनी जा सकती। दो बालिग जोड़े को अपनी मर्जी से एक साथ रहने का संवैधानिक अधिकार है। बालिगों को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने व साथ रहने का अधिकार है। उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने ये फैसला जौनपुर से जुड़े एक मामले में सुनाया है। कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े के खिलाफ  दर्ज एफ आई आर को भी रद्द कर दिया है। बता दें कि जौनपुर में एक लड़की गायब हो गई थी, जिसके बाद में लड़की के पिता ने अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था। लड़की जिसके साथ वह रह रही हैं दोनों ने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि वे दोनों बालिग हैं और एक दूसरे की स्वेच्छा से साथ रह रहे हैं। उसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है। होईकोर्ट ने दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने फैसला लिव इन रिलेशनशिप ने रह रही उनकी बेटी के पक्ष में सुनाया है और लिव इन रिलेशनशिप को जायज करार दिया है।  

 

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