Shravasti News: ललित गांधी बौद्ध स्थल श्रावस्ती के दौरे पर, विधिवत की पूजा अर्चना

Shravasti News: ललित गांधी ने पूजा अर्चना दिगंबर जैन मंदिर के महामंत्री महेंद्र जैन की अध्यक्षता में की तथा पूजा के उपरांत संभावनाथ स्तूप पर भ्रमण कर यहां की ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त की।;

Update:2025-04-15 18:02 IST

ललित गांधी बौद्धस्थली श्रावस्ती के दौरे पर  (photo: social media )

Shravasti News: मंगलवार को अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ विकास आर्थिक महा मंडल निगम व महाराष्ट्र चेम्बर के अध्यक्ष ललित गांधी एक दिवसीय दौरे पर बौद्ध स्थली श्रावस्ती पहुंचे। जहां उन्होंने अपने जैन रीति रिवाज में बौद्ध स्थली अन्तर्गत दिगंबर जैन मंदिर तथा श्वेतांबर जैन मंदिर में विधिवत पूजन अर्चन किया। उन्होंने पूजा अर्चना दिगंबर जैन मंदिर के महामंत्री महेंद्र जैन की अध्यक्षता में की तथा पूजा के उपरांत संभावनाथ स्तूप पर भ्रमण कर यहां की ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रावस्ती जैन धर्म के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है । इसका संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य व दायित्व है। इसलिए केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश राज्य सरकार से इसके संरक्षण हेतु मुलाकात करेंगे और पत्राचार करके संरक्षण की गुहार लगाएंगे ताकि हमारे इतिहास को हमारे संस्कृति को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जैन धर्म का अस्तित्व शादियों तक बना रहे । इसके लिए साथियों को भी निरंतर इस दिशा में प्रयास करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जैन धर्म सनातन संस्कृति के शास्वत ज्ञान की ही एक शाखा है, जिसका उद्देश्य मानव को समय-समय पर उत्पन्न होने वाली रूढ़िवादी विचारधारा को त्याग कर अहिंसा और अध्यात्म के मार्ग के लिए प्रेरित करना होता है।

भगवान महावीर ने जैन धर्म का प्रचार किया

जैन धर्म की उत्पत्ति छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भगवान महावीर जी द्वारा हुई थी और मानव को मानवता का पाठ पढ़ाने के लिए भगवान महावीर ने जैन धर्म का प्रचार किया। भगवान महावीर के अथक प्रयासों और उनके द्वारा प्रवाहित ज्ञान की अविरल धाराओं से ही जैन धर्म का उदय हुआ। जैन धर्म में मुख्यतः 24 महान शिक्षक हुए, जिनमें से अंतिम भगवान महावीर थे। इन 24 महान शिक्षकों को तीर्थंकर कहा जाता है।

तीर्थंकर वह होते हैं जिन्होंने अपने जीवन में सभी ज्ञान (मोक्ष) को प्राप्त कर लिया होता है । जबकि महेंद्र जैन ने कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे। जैन शब्द जिन या जैन से बना है जिसका अर्थ ‘विजेता’ होता है, यानि कि जिसने अपने ज्ञान से स्वयं पर विजय प्राप्त कर लिया हो।वही वास्तविक जैनी है।इस अवसर पर बंटी जैन, सुनील जैन, मनोज जैन, रवि शर्मा ,संजीव जैन तथा इकौना तहसील के नायब तहसीलदार प्रांजल त्रिपाठी प्रभारी, निरीक्षक योगेश कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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