इलाहाबादः बुलंदशहर के नेशनल हाइवे एनएच-91 पर हुई गैंगरेप की घटना पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट इस मामले में सरकार की ओर से अभी तक की जांच से संतुष्ट नहीं हुई। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि अगर पूर्व में इसी हाईवे पर हुई घटना पर पुलिस ने कोई ठोस कदम उठाया होता तो शायद मां- बेटी से गैंगरेप की यह शर्मनाक घटना न हुई होती।
चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले और यशवंत वर्मा की बेंच ने शुक्रवार को यह आदेश दिया है।
गुरुवार को कोर्ट ने क्या कहा था
यूपी में महिलाएं असुरक्षित हैं। चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले ने कहा था कि मैं महाराष्ट्र से आता हूं, वहां हालत इतने खराब नहीं हैं। महिलाएं आधी रात को भी घर से निकल जाएं तो कोई उन पर उंगली उठाने वाला नहीं है। यहां पूरा परिवार कार से जा रहा है और कार रोककर महिलाओं से रेप किया जाता है।
पुलिस की रिपोर्ट पर उठाए थे सवाल
घटना को लेकर बुलंदशहर पुलिस की ओर से पेश रिपोर्ट पर भी अदालत ने सवाल उठाए थे। कोर्ट ने पूछा कि इसमें एफआईआर का प्रोफार्मा है, मेडिकल रिपोर्ट नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट की जगह इंजरी रिपोर्ट पेश की गई है। क्या आप लोग रेप की मेडिकल रिपोर्ट और इंजरी रिपोर्ट में फर्क नहीं जानते। पुलिस ने कोर्ट के सामने पीड़ित महिलाओं के बयान की प्रति भी प्रस्तुत नहीं की। इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप ने क्या जांच की है, समझा जा सकता है।
हाईवे के अपराधों पर कोर्ट सख्त
-कोर्ट ने बुलंदशहर में दो थाना क्षेत्रों में हाईवे पर तीन माह में घटी पांच लूट व बलात्कार की घटनाओं पर कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने पूछा है कि घटना की प्राथमिकी न दर्ज करने वाले पुलिस कर्मियों पर क्या कार्रवाई की गयी।
-कोर्ट ने कहा कि घटनाओं पर पुलिस कार्यवाही से कोर्ट खुश नहीं है।
-हाईवे पर हो रही घटनाओं पर चिंतित कोर्ट ने कहा कि वह खुद मानीटरिंग करेगी और यह देखेगी कि सरकार ने भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कैसी कार्य योजना तैयार की है।
-कोर्ट ने आरोपियों के सामाजिक व राजनैतिक कनेक्शन की जानकारी मांगी थी जिसे नहीं दिया गया।
-प्रदेश के अन्य स्थानों पर हाईवे पर हुई लूटपाट और रेप की घटनाओं को लेकर कोर्ट बुधवार 17 अगस्त को भी सुनवाई करेगी।