इलाहाबाद HC: प्रशिक्षु शिक्षकों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार को निर्देश दिया है। इस निर्देश के अनुसार 72,825 सहायक अध्यापकों और 1100 प्रशिक्षु अध्यापकों को सहायक अध्यापक के पद पर 3 सप्ताह में नियुक्तियां दी जाए। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की इस दलील को नहीं माना कि आचार संहिता लागू होने के कारण नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी हो चुकी है। नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की जानी है। इसमें यूपी सरकार का कोई श्रेय नहीं है।
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार को निर्देश दिया है। इस निर्देश के अनुसार 72,825 सहायक अध्यापकों और 1100 प्रशिक्षु अध्यापकों को सहायक अध्यापक के पद पर 3 सप्ताह में नियुक्तियां दी जाए।
कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की इस दलील को नहीं माना कि आचार संहिता लागू होने के कारण नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी हो चुकी है। नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की जानी है। इसमें यूपी सरकार का कोई श्रेय नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने मनोज कुमार और अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के 7 दिसम्बर 2015 के आदेश में कहा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले 1100 उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाए। प्रदेश सरकार ने सभी को प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर नियुक्ति दे दी। उनको छह माह का प्रशिक्षण कराकर परीक्षा भी आयोजित की।
यह भी कहा गया था कि इन प्रशिक्षु शिक्षकों की सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्ति इस कारण नहीं हो सकती क्योंकि यूपी में 4 जनवरी से चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी है। इससे अध्यापकों की नियुक्ति लटक गई है। याचिका में दलील दी गई थी कि चूंकि नियुक्ति की प्रक्रिया चुनाव से पूर्व की है। नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश से की जा रही है इसलिए चुनाव के कारण नियुक्ति न रोकी जाए। कोर्ट ने आयोग की दलील को खारिज करते हुए कहा कि तीन सप्ताह में सभी को नियुक्ति पत्र दी जाए।