इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष अनिरूद्ध सिंह यादव को पद से हटाने की मांग में दाखिल याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति के. मुरारी और न्यायमूर्ति राघवेंद्र कुमार की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए मांग को आधारहीन और तथ्यहीन बताया।
याचिका में क्या कहा ?
-याची का कहना था कि लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन को हाईकोर्ट ने नियुक्ति में अनियमितता और गलत तरीके से चयन को आधार बनाकर हटाया था।
-पूर्व चेयरमैन अनिल यादव के कार्यकाल में कई नियुक्तियों में बड़ी धांधली की गई थी।
-एक जाति विशेष के लोगों की ही नियुक्ति की गई।
-अनिल यादव की नियुक्ति रद्द होेने के बाद प्रदेश सरकार ने फिर से आयोग अध्यक्ष की कुर्सी एक यादव को सौंपी है।
खास जाति के लोगों पर सरकार मेहरबान
-इसी प्रकार लोकायुक्त के चयन में भी सरकार पहले जस्टिस रवीन्द्र सिंह यादव फिर वीरेन्द्र सिंह यादव को लोकायुक्त बनाना चाहती थी।
-ऐसी कौन सी वजह है कि सरकार एक यादव के बाद दूसरे यादव को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कर रही है।
सरकार का हाईकोर्ट में जवाब
सरकार ने कहा कि आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति हाईकोर्ट के निर्देशानुसार गाइडलाइन बनाकर सर्च कमेटी गठित करके की है। सर्च कमेटी ने पांच नाम सुझाए थे जिसमें डॉ.अनिरूद्ध यादव को उपयुक्त पाते हुए सीएम और राज्यपाल ने अपनी संस्तुति दी।