चीनी मिल मालिकों के वारंट मुद्दे पर HC सख्त, CS को जांच कर कार्रवाई का दिया निर्देश
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पडरौना, कुशीनगर चीनी मिल मालिकों के खिलाफ 2014 में जारी गिरफ्तारी वारंट जारी न करने की जांच का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को वारंट आदेश लागू न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने तथा अगले साल 30 जनवरी तक कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
बता दें, कि किसानों के बकाए गन्ना मूल्य का भुगतान न करने पर कोर्ट ने मिल मालिकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अधिकारियों की मिलीभगत के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खंडपीठ ने प्रभुनाथ चैरसिया सहित 118 किसानों की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा, कि मुख्य सचिव देखें कि जिले के अधिकारियों ने तीन साल तक वारंट लागू क्यों नहीं किया। इस मामले में अगली सुनवाई अब 30 जनवरी को होगी।
वृंदावन में घरों की गलत जानकारी देने पर कोर्ट सख्त
वहीं, एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने वृन्दावन में घरों की गलत संख्या बताने पर कड़ा एतराज जताया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा है कि गलत दस्तावेज देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की जाए या कोर्ट गलत हलफनामा देने के लिए कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने मुख्य सचिव से 22 दिसंबर को कार्रवाई रिपोर्ट तलब
की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन व न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खंडपीठ ने मधुमंगल शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है।
क्या है मामला?
हाईकोर्ट ने जल निगम मथुरा वृंदावन से यमुना प्रदूषण मामले में वृन्दावन में भवनों की संख्या की जानकारी मांगी थी। जिस पर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि वृन्दावन में 11,034 घर हैं, जिसमें 6 हजार से अधिक में सीवर कनेक्शन है, शेष में नहीं है। मुख्य सचिव ने भी लगभग इसी प्रकार का हलफनामा दिया है। जिसे कोर्ट ने विश्वसनीय नहीं माना। कोर्ट ने कहा, कि 'यह गंभीर मामला है। जिस अधिकारी ने मुख्य सचिव को गलत डाटा दिया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अन्यथा कोर्ट इस मामले में अवमानना की कार्रवाई करेगी।