इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 153 सहायक अध्यापको की सेवा समाप्ति की कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार नियमानुसार सेवा से हटाने की कार्यवाही करे तब तक याचियों के कार्य में हस्तक्षेप न किया जाय तथा इन्हें नियमित वेतन भुगतान किया जाए।
याचिका की सुनवाई 8 जनवरी को
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सूर्यवती और 152 अन्य की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि एसआईटी जांच में वर्ष 2004-05 में याचियों की बीएड डिग्री को फर्जी पाया गया। संबंधित विश्वविद्यालय से यह डिग्री जारी नहीं की गई है।
याची प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के अध्यापक है। एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने सेवा से हटाने की कारण बताओ नोटिस जारी की गई है।
याचियों का कहना है कि वे नियमित प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए है।बिना क़ानूनी प्रक्रिया अपनाए उन्हें नहीं हटाया जा सकता।