UP: इलाहाबाद हत्याकांड की गूंज विधान परिषद में, योगी सरकार को घेरा

Update:2018-02-12 13:45 IST
UP: इलाहाबाद हत्याकांड की गूंज दोनों सदनों में, सरकार को जमकर घेरा

लखनऊ: इलाहाबाद में एक व्यक्ति की हत्या और समाजवादी पार्टी (सपा) पर सीएम योगी आदित्यनाथ के दिए बयान पर सोमवार (12 फ़रवरी) को सपा के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया, जिससे विधान परिषद की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्यों ने सीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सपा सदस्यों ने कहा, कि 'सीएम ने समाजवादी की तुलना आतंकवादी से की, ये दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम को समाजवादियों का इतिहास नहीं मालूम है। वो खुद आरएसएस की गोद में बैठकर सीएम बने हैं। आरएसएस के लोग बताएं कि आजादी की लड़ाई में उनका क्या योगदान रहा है।'

इलाहाबाद की घटना के पीछे बीजेपी का हाथ

कांग्रेस के दीपक सिंह ने इलाहाबाद की घटना का जिक्र करते हुए कहा, कि 'इलाहाबाद की घटना को अंजाम देने वाले लोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थक थे। दलितों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। सरकार अत्याचारों पर अंकुश लगाने में असमर्थ है। बीजेपी, सरकार चलाने और महिलाओं को सुरक्षा देने में असमर्थ है।'

क्या यही है आरएसएस का पुनर्निर्माण?

वहीं, सपा के सुनील साजन ने कहा, कि 'एक दलित का केवल पैर छू जाने से कुछ दबंगों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस दूर-दूर तक नहीं दिखी। दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हो रहे हैं उस पर सरकार का कोई अंकुश और रोक नहीं है। सरकार तानाशाह हो चुकी है। हम जानते हैं कि आरएसएस ने कहा है कि नवनिर्माण नहीं पुनर्निर्माण होना चाहिए।' उन्होंने सवाल किया, आरएसएस का पुनर्निर्माण क्या यही है? दलितों का उचित सम्मान और उनको अधिकार न देना आरएसएस का पुनर्निमाण बन गया है?

हंगामे को देखते हुए सभापति ने विधानपरिषद की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।

प्रदेश में अपराध चरम पर

विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा, कि 'इलाहाबाद की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में अपराध चरम पर है। सरकार कानून-व्यवस्था सुधारने की बजाय फर्जी एनकाउंटर करा रही है। पहली बार ऐसी सरकार आई है जो डंडे के बल पर जनता की आवाज दबा रही है।' उन्होंने कहा, कि सपा मृतक छात्र के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।

सीएम मांगें माफी, तभी चलेगा सदन

अहमद हसन ने कहा, समाजवादी पार्टी मजबूती से जनता की आवाज उठाने का काम कर रही है। सीएम योगी समाजवादी आंदोलन की तुलना आतंकी आंदोलन से कर रहे है, ये पूरी तरह से असंवैधानिक है। सपा सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। साथ ही ये भी कहा कि सीएम योगी के अपने बयान पर माफी ना मांगने तक सपा सदन नहीं चलने देगी।

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