HC: 28 जनवरी से नयी रोस्टर प्रणाली लागू, 25 जनवरी को एल्डर कमेटी ने बुलायी आम सभा

इलाहाबाद हाईकोर्ट में 28 जनवरी से मुकदमों की सुनवाई की नयी रोस्टर प्रणाली का बार में विरोध के चलते एल्डर कमेटी ने 25 जनवरी को एक बजे बार एसोसिएशन की आमसभा बुलायी है, और इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश से इससे पहले वार्ता करने के लिए समय मांगा है।

Update: 2019-01-24 17:16 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में 28 जनवरी से मुकदमों की सुनवाई की नयी रोस्टर प्रणाली का बार में विरोध के चलते एल्डर कमेटी ने 25 जनवरी को एक बजे बार एसोसिएशन की आमसभा बुलायी है, और इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश से इससे पहले वार्ता करने के लिए समय मांगा है। एल्डर कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि बार एसोसिएशन के चुनाव के बाद नयी कार्यकारिणी गठित होने तक रोस्टर स्थगित रखा जाए और बार एसोसिएशन से परामर्श कर मुकदमों की सुनवाई की नयी प्रणाली लागू की जाए।

एल्डर कमेटी के अध्यक्ष वी.सी.मिश्र वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि 25 जनवरी को होने वाली आमसभा में सैकड़ों वकीलों के प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा। अधिवक्ता नयी प्रणाली का विरोध कर रहे हैं और एल्डर कमेटी के चेयरमैन का घेराव कर आमसभा बुलाने और विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहने की मांग की।

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हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की चुनावी राजनीति के चलते नयी रोस्टर प्रणाली का एक समूह कड़ा विरोध कर रहा है तो वहीं पर एक बड़ा समूह इस प्रणाली को समझने में जुट गया है और सुनवाई की पारदर्शी व स्चालित प्रणाली को मुकदमों के त्वरित निपटारे में उपयोगी मान रहा है। बार एसोसिएशन में जबरदस्त विरोध और पहुंच वाले बड़े वकीलों के मुकदमे मनमाफिक बेंच में सुनवाई होने की आशंका को लेकर जब महानिबंधक मयंक जैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बार कुछ भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।

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इस संबंध में वे कुछ नहीं कर सकते। जहां तक रोस्टर प्रणाली का प्रश्न है यदि उस पर आपत्ति है तो मुख्य न्यायाधीश से शिकायत कर सकते हैं। वैसे रोस्टर प्रणाली हाईकोर्ट की वेबसाइट पर है। कोई भी उसकी बारीकियां समझ सकता है। यदि प्रणाली के तहत मुकदमों की सुनवाई कैसे होगी इसकी बेहतर जानकारी लेना हो तो निबंधक (लिस्टिंग) से जानकारी ले सकते हैं। वैसे भी वह इस संबंध में जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं है। निबंधक (लिस्टिंग) से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मुकदमों की सुनवाई की पारदर्शी व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे मुकदमों के निस्तारण में तेजी आयेगी और अनावश्यक रूप से भटकना नहीं पडे़गा।

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अभी तक ए.बी.सी. तीन ग्रुपों में विभाजित याचिकाओं के विभिन्न क्षेत्राधिकारों की पीठ घोषित की जाती रही है और पीठ अपने निर्धारित ग्रुप के मुकदमे की सुनवाई करती रही है। एक ग्रुप में दर्जनों विभागों के मुकदमों को विभागवार पीठ सुनवाई करती थी। नयी रोस्टर प्रणाली में अब एक ग्रुप के समूह को सभी मुकदमों की सुनवाई के लिए आवश्यकतानुसार तीन या चार पीठें होगी और एक दिन पहले दाखिल सभी नये मुकदमों को एक स्पिन के समान रूप से यदि चार पीठ है तो वितरित कर दी जायेगी।

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दाखिल मुकदमा यदि ग्रुप सी का है, चार पीठें है तो इन चार पीठों में किसी भी कोर्ट में सुनवाई के लिए सुनवाई के लिए भेजा जा सकता है। अभी तक पता होता था कि नया दाखिल मुकदमा निर्धारित कोर्ट में ही जायेगा अब निर्धारित चार कोर्ट में किसी में भी जा सकता है। यदि उस दिन सुनवाई नहीं हो सकती तो दूसरे दिन जरूरी नहीं कि उसी कोर्ट में रहे। स्पिन से दूसरी कोर्ट में भी जा सकता है। मुकदमा किस कोर्ट में गया है इसकी सूचना दाखिल करने वाले अधिवक्ता को एसएमएस से दी जायेगी। यह भी व्यवस्था होगी कि बीच में यदि किसी कोर्ट का मुकदमा दूसरी कोर्ट में जाता है तो इसकी भी एसएमएस से वकीलों को सूचना दी जायेगी।

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