UP में बाढ़: खतरे में हजारों जिंदगियां, नदियां हुईं खतरनाक

सरयू नदी लगातार उफान पर है। नदी के जलस्तर में कोई कमी नही आ रही है। शनिवार को भी नदी खतरे के निशान से 76 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी।

Update: 2020-08-22 15:39 GMT
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी

अम्बेडकरनगर: सरयू नदी लगातार उफान पर है। नदी के जलस्तर में कोई कमी नही आ रही है। शनिवार को भी नदी खतरे के निशान से 76 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। नदी के जलस्तर में कमी नही होने के कारण मांझा क्षेत्र व नदी के तटीय क्षेत्रों में स्थिति बिगड़ती जा रही है तथा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया

शनिवार को नदी का जल स्तर 93.490 मीटर रिकार्ड किया गया। जल स्तर बढ़ने के कारण माझा उल्टहवा गांव में नदी का पानी पंहुच गया है। इसके साथ ही माझा अवसानपुर को पूरी तरह से खाली करा दिया गया है। यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। नदी में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर टाण्डा व आलापुर तहसील क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।

टाण्डा में आबादी के बीच पंहुचा नदी का पानी

माझा कला गांव पूरी तरह से नदी के पानी से घिर गया है। माझा उल्टहवा के कई मजरों के लोगों ने बांधो पर शरण ले रखा है। नदी में जाने वाले थिरूआ नाले में भी उफान देखा जा रहा है जिसके कारण टाण्डा कस्बे के कई मोहल्लों में जलभराव की समस्या सामने आ रही है। टाण्डा के घसियारी टोला, रौजा मीरानपुरा, नेहरूनगर, छज्जापुर मोहल्ले में थिरूआ नाले के बाढ़ का पानी घुस गया है।

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इसके साथ ही नदी के किनारे स्थित गांवो में भी स्थिति गम्भीर होती जा रही है। आलापुर तहसील क्षेत्र में माझा कम्हरिया, अराजी देवारा में बाढ़ का पानी घुस चुका है। नदी में जाने वाले पिकिया नाले के उफान पर होने के कारण सैकड़ों बीघा धान की फसल पानी में डूब गयी है। जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ित लोगों में राहत सामग्री का वितरण कर रहा है। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं।

रिपोर्ट: मनीष मिश्रा

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