पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने छोड़ी बसपा, सपा ने बेटे को बनाया जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बसपा को झटके पर झटका लगता जा रहा है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-19 12:33 GMT

पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बसपा को झटके पर झटका लगता जा रहा है। एक-एक करके पार्टी के दिग्गज नेता किनारा करते जा रहे हैं। इसी कड़ी में बलिया के कद्दावर नेता माने जाने वाले पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने आज बसपा से अपना त्याग पत्र दे दिया है। वहीं उनके बसपा छोड़ते ही सपा ने उनके बेटे आनंद चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना प्रयाशी घोषित कर दिया है। बताया जा रहा है उन्हें प्रत्याशी घोषित करने से पहले लखनऊ पार्टी कार्यालय में उन्हें सपा में शामिल कराया गया। बता दें कि अंबिका चौधरी के बेटे आनंद चौधरी बसपा के अधिकृत उम्मीदवार के तौर पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।

बसपा से त्याग पत्र देने के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि बेटे के बाद अंबिका चौधरी भी सपा में शामिल हो जाएंगे। ज्ञात हो कि अंबिका चौधरी इससे पहले सपा में ही थे। वह मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी माने जाते थे। सपा सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह सपा छोड़कर बसपा में आ गए थे।

बसपा मुखिय मायावती को भेजे त्याग पत्र में उन्होंने लिखा है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की तरफ से उन्हें कोई जिम्मेदारी नहींं सौंपी गई। इससे वह पार्टी के लिए खुद को अनुपयोगी और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सपा की तरफ से उनके बेटे आनंद चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार घोषित किया गया है। ऐसे में उनकी निष्ठा पर कोई सवाल उठे उससे पहले उन्होंने पार्टी को अपना त्याग पत्र दे दिया है।

बसपा से बाहर होने वालों को चंद्रशेखर का प्रस्ताव

बता दें कि बसपा मुखिया ने हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कई दिग्गज नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। वहीं दलित नेता के तौर पर खुद को प्रस्तुत करने वाले भमी आर्मी के नेता चंद्रशेखर बसपा से निकाले गए नेताओं को अपना प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा है जो साथी भीम आर्मी में आना चाह रहे हैं, उनका स्वागत है। हालांकि बसपा से निकाले गए सभी नेता सपा के संपर्क में हैं। ऐसा माना जा रहा है, जल्द ही सभी सपा का दामन थाम सकते हैं।

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