पखवारे से अंधेरे में डूबा है गांव, विद्युत आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों में आक्रोश

एक पखवारे से विद्युत आपूर्ति बाधित है। उपभोक्ता चिलचिलाती उमस में कैंडल के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-23 11:20 GMT

पावर सप्लाई की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Amethi News: एक पखवारे से विद्युत आपूर्ति बाधित है। उपभोक्ता चिलचिलाती उमस में कैंडल के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर है। विभाग के कर्मचारी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मामले को संज्ञान लेने की जहमत मोल नहीं लेना चाहते है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

मालूम हो कि अमेठी जनपद के जामों विद्युत उपकेंद्र के मूंघी गांव में एक पखवारे पूर्व विधुत पोल टूट कर ट्रांसफार्मर सहित खेत में गिर गया है। जिसकी सूचना दूसरे दिन ही लाइन मैन और जेई को ग्रामीणों ने दिया। लाइन मैन आए और मुख्य लाइन से इस गांव की लाइन काट कर चले गए तब से उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिदिन मामले की शिकयत की जा रही है। अभी तक लाइन ठीक नहीं हुई। लगभग पच्चास घरों के परिवार इस समस्या से जूझ रहे है। सार्वजनिक वितरण प्राणली के तहत मिलने वाला मिट्टी का तेल भी सहारा नहीं बन सका। ग्रामीण कैंडल के सहारे अपना काम निपटा रहे है। विभाग के अधिकारी व कर्मचारी योगी सरकार की छवि धूमिल कर रहे है। वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी इस समस्या को उठाना उचित नहीं समझा।

जनप्रतिनिधि भी बेखबर

ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के अलावा सांसद, विधायक, एमएलसी प्रभारी मंत्री सब इन ग्रामीणों की समस्या से बेखबर है। कहने को सभी राजनीतिक पार्टियों के संगठनों के पास बूथ स्तर तक कार्यकर्ता है। बड़ा सवाल है यह कि आखिर ये जनप्रतिनिधि और विभाग के कर्मचारी काम करने के लिए क्यों राजी नहीं है।इसका मतलब योगी सरकार में सब कुछ अच्छा नही चल रहा है। विपक्ष भी अखबारों में सुर्खियों के अलावा कुछ नहीं करना चाह रहा है।

ग्रामीणों का छलका दर्द

गांव के रहने वाले उपभोक्ता सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि तार और ट्रांसफार्मर गिरे हुए आज पंद्रह दिन का समय बीत गया है। लाइन मैन, जेई को कई बार बताया गया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। कर्मचारी आते हैं देख कर चले जाते हैं। कहते है कल लाइन ठीक हो जाएगी। हम लोग बरसात के दिनों में बच्चों के साथ अंधेरे में जीवन यापन कर रहे है। कभी कोई विषैला जंतु अपना शिकार बना लेगा तो किसकी जिम्मेदारी होगी।रमेश कुमार ने बताया कि हम लोग बार बार शिकयत कर रहे है उसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है आज पन्द्रह दिन होने को ये लोग लाइन नही ठीक किए बिल बिल बराबर आता है। चंद्र कला ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हम लोगो की समस्या कोई नही सुन रहा है। हम अपना मोबाइल भी चार्ज नहीं कर पा रहे है। दूसरे गांव में जाकर मोबाइल चार्ज करके किसी तरह काम चला रहे है। कमोवेश यही हाल दिनेश का भी है। समस्या से सब परेशान है।

आंदोलन का मन बना रहे हैं ग्रामीण

ग्रामीण उपभोक्ता अपने गांव वालों के साथ पावर हाउस पर धरना प्रदर्शन का मन बना रहे है। जल्द ही समस्या का निराकरण न हुआ तो ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर आ जाएगा। इस तरह विद्युत विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विद्युत विभाग बना मूकदर्शक बना हुआ है।

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