Amethi News: संजय गांधी अस्पताल पर बोले ब्रजेश पाठक, जांच के बाद सील किया गया

Amethi News: डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अमेठी में संचालित संजय गांधी अस्पताल में हुई घटना के मामले में बयान जारी करते हुए कहा है कि संजय गांधी अस्पताल की घटना दुखद है।

Update:2023-09-21 17:49 IST

 Deputy CM Brajesh Pathak(Pic:Newstrack)

Amethi News: संजय गांधी अस्पताल में हुई घटना को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संजय गांधी अस्पताल में हुई घटना के मामले में कमेटी के द्वारा जांच के बाद अस्पताल पर कार्रवाई की गई है। यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अमेठी में संचालित संजय गांधी अस्पताल में हुई घटना के मामले में बयान जारी करते हुए कहा है कि संजय गांधी अस्पताल की घटना दुखद है। उन्होंने आगे कहा कि मामले की कमेटी के द्वारा जांच के बाद अस्पताल पर कार्रवाई की गई है। आगे उन्होंने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों को बख्शेंगे नही।अवैध और लापरवाह अस्पतालों पर प्रदेश भर में कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के सभी अस्पतालों को व्यवस्थित कर रहें हैं।

आपको बताते चलें कि संजय गांधी अस्पताल की आधारशिला 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी। तब से अब तक अस्पताल लोगों की सुविधाओं के साथ इलाज करता हुआ चल रहा था।तमाम सुविधाओं के साथ ही अस्पताल मेडिकल कॉलेज के रूप में परिवर्तित होने जा रहा था ।अचानक एक महिला की मौत के बाद अस्पताल में तूफान सा गया। प्रशासन ने इस समय अस्पताल बंद करवा दिया है।

ये था पूरा मामला

अस्पताल में मामला तब गंभीर हो गया जब 14 सितंबर को दिव्या शुक्ला नाम की महिला को आपरेशन के लिए भर्ती कराया गया। 15 सितंबर को अस्पताल में भर्ती महिला की तबियत खराब हो गई। महिला को मेदांता अस्पताल लखनऊ के लिए रेफर किया गया। जहां महिला की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल गेट पर सौरक्कड़ प्रदर्शन किया था जिस पर मुंशीगंज है कि पुलिस ने अस्पताल के सीईओ वा तीन चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया था।

इसके बाद प्रशासन ने बाद अस्पताल को दोषी मानते हुए अस्पताल सील करवा दिया था। इसके बाद अब वहां इलाज करने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है खास बात यह है कि जो लोग अस्पताल से अपना रेगुलर इलाज कर रहे हैं उन्हें अब दूसरे डॉक्टर का रुख करना पड़ेगा वहीं जिन लोगों का ऑपरेशन हुआ था उन्हें मरहम पट्टी वह अन्य परामर्श के लिए भी अस्पताल का दरवाजा बंद होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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