लखऩऊ: एक बार फिर यूपी की सियासत की पटकथा गुजरात लिखेगा। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की दिली ख्वाहिश पूरी होगी। वे गुजरात के नए मुख्यमंत्रियों की दौड़ में सबसे आगे हैं। वहीं बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी की दौड़ में सबसे आगे ओम माथुर हैं।
आनंदी बेन पटेल के इस्तीफे की वजह भले ही उनकी उम्र बताई जा रही हो, पर हकीकत इसके ठीक उलट है। बावजूद इसके आनंदी बेन पटेल का गुजरात का मुख्यमंत्री पद छोडने के बाद राज्यपाल बनना तकरीबन तय है। वह पंजाब की राज्यपाल बनाई जा सकती हैं।
शाह की दिली ख्वाहिश होगी पूरी ?
चुनाव भले ही यूपी और पंजाब में हो पर सियासत की नकेल एक बार फिर गुजरात के हाथ होगी। गुजरात के मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहे अमित शाह को यदि अपनी दिली ख्वाहिश पूरी करने का मौका मिल जाता है तो वे अपने अनुभव का लाभ, यूपी चुनाव में पहुंचाने के लिए विशेष तौर पर लगाए जाएंगे। हालांकि गुजरात के मुख्यमंत्री की दौड़ में विजय रुपानी, नितिन पटेल और भूपेंद्र सिंह चूडस्मा भी शामिल हैं। रुपानी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष हैं जबकि नितिन पटेल पहले मोदी और अब आनंदी बेन पटेल के कैबिनेट के ताकतवर मंत्री माने जाते हैं।
अमित शाह के सीएम बनने में पेंच
बीजेपी के भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो अमित शाह अपनी दिली तमन्ना पूरी करने के इस मौके हाथ से जाने नहीं देना चाहते। शाह के लोग भी पंजाब और यूपी में पार्टी के लिए कोई उम्मीद भरी संभावना नहीं तलाश पा रहे हैं। ऐसे में गुजरात का विकल्प उनके लिए कम आकर्षक नहीं है, लेकिन मोदी के सियासी अंदाज को परखने वालों के मुताबिक उनके पास राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अमित शाह से भरोसेमंद कोई नाम नहीं है। ऐसे में अमित शाह को गुजरात जाने से रोकने की कमान खुद मोदी को संभालनी होगी।
कौन है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में ?
फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर ओम माथुर और जेपी नड्डा का नाम गंभीरता से चर्चा में है। जेपी नड्डा इस वक्त मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हैं जबकि ओम माथुर यूपी प्रभारी और राज्यसभा संदस्य हैं। लेकिन ये दोनों नाम पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के चुनाव के लिए कम फायदेमंद हैं। हालांकि पंजाब में किलाबंदी करते हुए बीजेपी ने आनंदी बेन पटेल को वहां का राज्यपाल बनाने का मन बनाया है।
ये है आनंदी बेन के हटने की असली वजह
आनंदी बेन पटेल ने भले ही अपने उम्र का हवाला देकर मुख्यमंत्री पद से हटने की पेशकश की हो पर बीजेपी के भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो उन्हें पद से हटने को कहा गया है। दरअसल, दलित और पटेल दोनों जातियों के आंदोलन की धार कुंद करने में आनंदी बेन पटेल की प्रशासनिक अक्षमता उजागर हुई। गुजरात में उनकी बेटी और बेटे के तमाम कारनामों का खुलासा हुआ है। गुजरात में होने वाले चुनाव के लिए भी आनंदी बेन पटेल का आकर्षण चुक गया था।