साबरमती से प्रयागराज, यह है माफिया अतीक को यूपी ला रही पुलिस का फुल प्रुफ प्लान, जानिए कहां-कहां से गुजरेगा काफिला
Atiq Ahmed: ये पूरा रास्ता 1275 किलोमीटर का है। इस मार्ग पर नॉन स्टॉप चलने पर इसे कवर करने में करीब 30 घंटे का समय लग सकता है। यूपी पुलिस बुलेट प्रूफ जैकेट से लैस है। काफिले में 45 पुलिस कर्मी और 15 गाड़ियां एस्कॉर्ट शामिल हैं। वहीं तीन राज्यों की पुलिस का इन्वॉल्वमेंट रहेगा।
Atiq Ahmed: माफिया डाॅन अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से यूपी के प्रयागराज लाया जा रहा है। अतीक अहमद को उमेश पाल के अपहरण के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट द्वारा 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण मामले में फैसला सुनाया जाना है। इसमें अतीक अहमद आरोपी है। यूपी पुलिस टीम को अतीक को प्रयागराज लाने में 30 घंटे से अधिक का समय लग सकता है। अतीक को प्रयागराज तक किस मार्ग से लाया जा रहा है, इसे लेकर पुलिस की ओर से रूट क्लियर नहीं किया गया है। लेकिन संभावित रूटों को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है।
यूपी पुलिस की टीम का काफिला शाम 5.40 बजे अतीक को साबरमती जेल से लेकर बाहर निकला। माफिया को ला रहा पुलिस का काफिला श्यामलाजी-हिम्मतनगर रोड से होकर आगे बढ़ा और राजस्थान की सीमा में प्रवेश किया। यहां से उदयपुर से होकर आगे जाएगा। ये पूरा रास्ता 1275 किलोमीटर का है। इस मार्ग पर नॉन स्टॉप चलने पर इसे कवर करने में करीब 30 घंटे का समय लग सकता है। यूपी पुलिस बुलेट प्रूफ जैकेट से लैस है। काफिले में 45 पुलिस कर्मी और 15 गाड़ियां एस्कॉर्ट शामिल हैं। वहीं तीन राज्यों की पुलिस का इन्वॉल्वमेंट रहेगा।
केवल पांच अधिकारियों के पास है मोबाइल-
यूपी पुलिस की 45 पुलिसकर्मियों की टीम अतीक को साबरमती जेल से लेकर आ रही है। टीम में केवल 5 अधिकारियों के पास ही मोबाइल फोन हैं। अन्य सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल पहले ही जमा करा लिए गए हैं। पुलिस टीम में आईपीएस अभिषेक भारती, एक अन्य आईपीएस और 3 डीएसपी शामिल हैं। जिस वज्र वाहन में अतीक अहमद को बैठाया गया है। उसमें तैनात किसी भी पुलिसकर्मी के पास मोबाइल नहीं है।
शिवपुरी से झांसी पहुंचेगा काफिला-
फिलहाल, पुलिस का काफिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी से उत्तर प्रदेश के झांसी में प्रवेश करेगा। हालांकि, झांसी से प्रयागराज जाने के दो रास्ते हैं। पहला झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट होकर और दूसरा झांसी से कानपुर रोड से होकर जालौन और वहां से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से सीधे चित्रकूट का रास्ता पकड़ सकते हैं।
नॉनस्टॉप चलेंगे वाहन, रास्ते में नहीं रुकेगी पुलिस-
अतीक को लाने वाले वाहनों में पुलिस की टीमें 2 ड्राइवर एक्स्ट्रा लेकर गई हैं। काफिला रास्ते में कहीं नहीं रोका जाएगा। पुलिस गाड़ियों में ही सिपाहियों के खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। एक ड्राइवर के थकने पर दूसरा ड्राइवर कमान संभालेगा। रास्ते में रिफ्यूलिंग के लिए ही गाड़ियां रुकेंगी।
माफिया को किस रास्ते से लेकर जाएंगे?
माफिया अतीक को लेकर आ रही पुलिस के काफिले का रूट लगभग तय हो गया है। शाम 8.15 बजे के बाद ये काफिला राजस्थान की सीमा में पहुंचा। वहां से उदयपुर, कोटा, शिवपुरी, झांसी और चित्रकूट से सीधे प्रयागराज पहुंचेगा। इससे पहले दूसरे रूट अहमदाबाद से इंदौर, गुना, शिवपुरी से झांसी और फिर चित्रकूट से प्रयागराज पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी। माना जा रहा था कि दोनों रूटों में बराबर समय ही लग सकता है। राजस्थान और मध्य प्रदेश की पुलिस अलर्ट मोड पर है। जैसे ही रूट की जानकारी मिलेगी, वहां पुलिस पहुंच जाएगी। कहा जा रहा था कि अगर मध्य प्रदेश से होकर काफिला आएगा तो सफर में आसानी होगी। चूंकि, उदयपुर से आने में राजस्थान से गुजरना पड़ेगा और वहां की पुलिस की मदद लेनी होगी, लेकिन, मध्य प्रदेश से आने में राजस्थान से नहीं गुजरना पड़ेगा। एमपी से गुजरने पर झाबुआ से धार, इंदौर, देवास, राजगढ़, गुना, शिवपुरी के बाद झांसी पहुंचेंगे।
प्लानिंग के तहत अतीक को लेकर निकली पुलिस
काफिला का सफर रात का है और लंबा है। ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में रिफ्यूलिंग के लिए या ब्रेक के लिए रुक सकते हैं। हालांकि, रास्ते में बहुत ज्यादा देर तक रुकेंगे, इसकी संभावना कम है। अतीक को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्लानिंग के हिसाब से पुलिस अतीक को लेकर निकली है। इसकी भनक मीडिया को तब लगी, जब पुलिस जेल के बाहर पहुंच गई। सुबह से मीडिया को भनक नहीं लगने दी।
इसलिए एनकाउंटर की संभावना कम है?
अतीक को इस बार अदालत में पेश किया जाना है। अगर विकास दुबे एनकाउंटर की बात करें तो तब पुलिस अपनी हिरासत में लेकर आ रही थी। उस समय हादसा के बाद एनकाउंटर हुआ था, लेकिन, इस बार पुलिस को कोर्ट के वारंट के आधार पर अतीक को पेश करना है। 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण केस में फैसला आना है और कोर्ट इस मामले में सजा सुनाएगा। अतीक के भाई को भी बरेली की जेल से लेकर प्रयागराज पहुंचना है। इस केस में अधिकतम उम्रकैद या फांसी की सजा तक हो सकती है। दूसरी बात कोर्ट का पेश करने का आदेश है। ऐसे में एनकाउंटर जैसी आशंका की गुंजाइश कम है। हालांकि, आशंका और अनहोनी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कब क्या हो जाए यह कहा नहीं जा सकता।