नोएडा में आरसी के जरिए प्राधिकरण 86 करोड़ 35 लाख रुपए की करेगा वसूली

किसानों के मुआवजा वितरण घोटाले में प्राथमिकी दर्ज से पहले ही प्राधिकरण धनराशि वसूलने के लिए आरसी की कार्यवाही कर चुका है।

Reporter :  Deepankar Jain
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-05-21 19:49 IST

वसूली (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

नोएडा: प्राधिकरण में किसानों के मुआवजा वितरण में हुए घोटाले में प्राथमिकी दर्ज से पहले ही प्राधिकरण अतिरिक्त धनराशि वसूलने के लिए आरसी की कार्यवाही कर चुका है। इससे संबंधित दस्तावेज जिला प्रशासन को भेजे जा चुके हैं। प्राधिकरण की पहली जांच में ही अनिमितता सामने आ चुकी थी, जिसके बाद प्राथमिकी के निर्देश दिए जा चुके थे। लॉकडाउन व अन्य कारणों की वजह से जिला प्रशासन आरसी की कार्यवाही नहीं कर सका। प्राधिकरण ने एक दर्जन कास्ताकारों के खिलाफ आरसी जी की थी। जिनसे करीब 86 करोड़ 35 लाख 14 हजार 849 रुपए वसूल किए जाने है।

दरअसल, मुआवजा वितरण के विभिन्न प्रकारणों में साठ-गांठ करके समझौते के आधार पर अधिकृत अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए की अतिरिक्त राशि का भुगतान मुआवजे के लिए रूप में किया गया। गेझा तिलपताबाद के 15 प्रकरणों में करीब 100 करोड़ 16 लाख 81 हजार रुपए अतिरिक्त मुआवजा देकर प्राधिकरण को बड़े राजस्व का नुकसान पहुंचाया। इन सभी मामलों को सुचिबद्ध किया गया है।

बता दें कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आदेश पर एक समिति गठित की गई। यह समिति घोटाले की जांच की। इसी तरह के प्रकरण में उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी को निर्देश दिए कि वह दोषी अधिकारियों की जांच कर उनके के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए। जिस पर प्राथमिकी दर्ज की गई साथ ही प्राधिकरण द्वारा करीब 86 करोड़ रुपए की आरसी का नोटिस जारी किया गया। जिसमें से एक प्रकरण में गेझा तिलपताबाद की अर्जित भूमि का है। इसमें राममवति द्वारा गलत तथ्य प्रस्तुत कर 7 जनवरी 2016 को 7 करोड़ 26 लाख 80 हजार 427 रुपए अर्जित किए। इस राशि पर 15 प्रतिशत दर से 31 जुलाई 2020 तक 12 करोड़ 24 लाख 41 हजार 631 रुपए की वसूली की जानी है। बतौर इस वसूली के लिए प्राधिकरण ने एक नोटिस रामवति को जारी किया। इसके बाद भी उक्त धनराशि को वापस प्राधिकरण के बैंक खाते में वापस जमा नहीं कराया गया। जिसको वसूलने के लिए प्राधिकरण ने आरसी जारी की। इसी प्रकरण के तरह ही 10 से ज्यादा मामलों में आरसी जारी कर जिला प्रशासन को कार्यवाही के लिए दस्तावेज सौंपे गए।

पक्षकार का नाम     आयकर सहित कुल प्रतिकर      वसूली जाने वाली धनराशि

दलीप                      19,40,26,437                          33,64,36,523

भुल्लड़                      9,17,12,426                          15,68,78,506

फुन्दन                      7,26,80,427                           12,24,41,631

होराम                      2,38,99,744                              4,17,95,087

गोपी                        1,53,50,397                              2,62,32,357

विद्यापति                  3,80,66,690                              6,46,14,295

सोहन                     33,42,825                                      58,89,783

महावीर                    1,07,61,110                             1,93,40,516

रामे                         96,41,365                                 1,55,96,559

बनाई गई थी जांच समिति

अतरक्ति मुआवजा बांटने का खेल कहीं ज्यादा बड़ा है। 15 प्रकरण उनकी एक कड़ी है। इसके जांच के लिए प्राधिकरण ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी। जिसमें अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विधिक सलाहकार, वित्त नियंत्रक, विशेषाकार्यधिकारी, विधिक अधिकारी के अलावा भी कुछ अन्य को शामिल किया गया था। प्राथमिक जांच में ही बड़े घोटाले व अधिकारियों की संलिप्ता सामने आ गई थी। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश हो गए थे।

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