Ambedkar Nagar News: जमोलीगंज विस्फोट कांड से कई विभागों की सक्रियता पर उठे सवाल
Ambedkar Nagar News: जमोलीगंज थरिया कला (खुझिया) गांव में हुए विस्फोट व उसके बाद हुई तबाही के मंजर ने कई विभागों की सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।
Ambedkar Nagar News: बुधवार को देर शाम भीटी थाना क्षेत्र के जमोलीगंज थरिया कला (खुझिया) गांव में हुए विस्फोट व उसके बाद हुई तबाही के मंजर ने कई विभागों की सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। इस हादसे के बाद स्थानीय पुलिस के साथ ही खुफिया इकाई, अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो गया है। गांव की आबादी के मध्य इस प्रकार से बारूद का ढेर इकठ्ठा होता चला गया और किसी भी सरकारी अमले को इसकी भनक तक नहीं लगी। भनक तब लगी जब भारी विस्फोट से सब कुछ बर्बाद हो गया।
उप जिलाधिकारी भीटी सन्तोष ओझा के अनुसार अब्दुल जब्बार के नाम से पटाखा बनाने का लाइसेंस था। लेकिन इसे आबादी से दूर होना चाहिये। आबादी के मध्य बारूद को किसी भी कीमत पर इकठ्ठा नहीं किया जा सकता। लेकिन इसके बावजूद उसका पूरा काम आबादी के मध्य स्थित घर से ही हो रहा था। सवाल यह है कि अब्दुल जब्बार आबादी के मध्य मौत का खेल खेलता रहा और किसी को भनक तक नही लगी। वैसे भनक लगे तो भी कैसे, जब सबको सबका हिस्सा पहुंच जाया करता होगा।
बुधवार की शाम हुए विस्फोट से मकान की छत व दीवारें उड़ गईं। पड़ोस में स्थित एक अन्य मकान की भी दीवारें गिर गईं। हादसे में एक महिला व उसका डेढ़ वर्षीय पुत्र समेत दो अन्य लोग भी घायल हो गये। घायल राजितराम निवासी खुझिया व रामकिशन निवासी इन्होंना दुल्लापुर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे किसी कार्य वश वहां गए थे और विस्फोट की चपेट में आ गए।
टीम कर रही है जांच
घटना के बाद एएसपी संजय राय, एसडीएम संतोष कुमार ओझा व विशेष जांच टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर जांच की और विस्फोटक के नमूने इकठ्ठा किये। इस दौरान पहुंची पुलिस ने कई घरों की तलाशी ली। यहां के सिद्धू उर्फ अब्दुल जब्बार तथा बुद्धू सगे भाई हैं। दोनों शादी-ब्याह में आतिशबाजी का सामान व पटाखे बनाने-बेचने का कारोबार करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों अवैध तरीके से यह कारोबार करते हैं। हालांकि उप जिलाधिकारी ने अब्दुल जब्बार को लाइसेंसधारी बताया है। सिद्धू के नवनिर्मित घर में पटाखे आदि बनाने के लिए काफी मात्रा में बारूद रखा होना बताया जा रहा है।
अचानक हुआ विस्फोट
बुधवार शाम करीब छह बजे अचानक बारूद से जबरदस्त विस्फोट हो गया। इससे घर की छत व दीवार मलबे में तब्दील हो गई। घर में मौजूद सिद्धू की बहू शाहिदा बानो व उसका डेढ़ वर्षीय पुत्र रिजवान घायल हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि विस्फोट इतना तेज था कि बगल स्थित मिट्ठू के मकान की दीवारें भी ढह गईं और इसकी आवाज तीन किलोमीटर दूर तक सुनी गई। पुलिस व आसपास गांवों के लोगों की भीड़ जमा हो गई। थानाध्यक्ष संजय कुमार पांडेय ने बताया कि सिद्धू लाइसेंसी आतिशबाजी है। उसकी तलाश व मामले की जांच की जा रही है।
आतिशबाजी का लाइसेंस अग्निशमन विभाग की अनापत्ति के बाद सशर्त दिया जाता है। शर्तों के अनुसार सामान बनाने, बारूद व इसमें प्रयुक्त अन्य सामान आबादी से कम से कम एक किलोमीटर दूर रखने का प्राविधान है, लेकिन इसके बावजूद बारूद को अवैध रूप से घर में रखा गया। लेकिन किसी को कोई भनक नही लगी।
स्थानीय लोगो के अनुसार लगभग 15 वर्ष पहले भी यहां विस्फोट हुआ था। तत्समय कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन तालाब किनारे भूमि में छिपाकर बम रखने से वहां गहरा गड्ढा हो गया था। तत्कालीन पुलिस ने मामले को हजम कर लिया था। 1998 में साइकिल पर झोले में बम ले जाते समय भीटी कस्बे में विस्फोट हुआ था। इसमें तीन लोगों की मौत तथा डेढ़ दर्जन लोग घायल हुए थे। इस घटना में भी सिद्धू के भाई बुद्धू का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस हिरासत में उसे 15 दिनों तक भीटी थाने में रखा गया था। फैजाबाद के तत्कालीन डीआइजी समेत उच्चाधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया था, लेकिन घटना को दीपावली के मौके पर प्रयोग होने वाले लहसुन बम की शक्ल देकर मामला समाप्त कर दिया गया था। इस घटना में भीटी कस्बे के दर्जनभर
घरों की दीवारों में दरार आ गई थी। इस घटना के बावजूद अधिकारियों ने कभी इस परिवार पर नजर रखने की जरूरत नही समझी की वह बारूद कितना ला रहा, कंहा रख रहा और क्या बना रहा है।वास्तव में लाइसेंस दे देने के बाद सम्बन्धित विभाग मौन हो जाया करते हैं जिसका परिणाम यही होता है जो एक बार फिर सामने आया है। ऐसे में इस घटना के पीछे जिस जिस की भी लापरवाही सामने आए,उन सबके विरुद्ध कार्यवाई होनी ही चाहिए।