UP Election 2022: अबेंडकर नगर की इस सीट पर BSP का खेल बिगाड़ सकती है सपा, देखें क्या है वजह

दिलचस्प बात तो यह है कि इस विधानसभा सीट पर केवल एक बार कमल खिल सका है। वह भी 1991 में जब पूरे उत्तर प्रदेश में राम लहर चल रही थी।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-03-01 06:56 GMT
सपा और बसपा के चुनाव चिन्ह की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

UP Election 2022:  बहुजन समाज पार्टी की कुछ ऐसी सीटें रही हैं जहां हमेशा पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी अपनी मस्तानी चाल से मतदाताओं को आकर्षित करता रहा है। अब इसे बसपा का असर कहा जाए अथवा प्रत्याशी की ताकत कहा जाए । इस बात पर तर्क वितर्क किया जा सकता है।  पर इस सीट पर इस बार राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल चुके है। लालजी वर्मा पहली बार बसपा के नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में  उतरे हैं।

दिलचस्प बात तो यह है कि इस विधानसभा सीट पर केवल एक बार कमल खिल सका है।  वह भी 1991 में जब पूरे उत्तर प्रदेश में राम लहर चल रही थी।  इसके बाद कटेहरी सीट पर 5 बार बसपा ने जीत दर्ज की है।  वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा को जीत मिली।

कटेहरी विधानसभा सीट हमेशा से बसपा का गढ़ रही है।  2017 के चुनाव में भी बसपा ही चुनाव जीत कर आई थी। वहीं भाजपा दूसरे स्थान पर बनी रही थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा, बसपा और सपा के बीच एक कड़ा मुकबला देखने को मिल सकता है।

इस विधानसभा में दलित मतदाताओं के साथ निषाद और राजभर मतों की संख्या ज्यादा है। इस वजह से बसपा 1993 से लेकर 2017 तक पांच बार चुनाव में जीत दर्ज की। वहीं 2017 में जब पूरे प्रदेश में मोदी लहर चल रही थी। उस समय भी यहां से बसपा प्रत्याशी की जीत हुई थी। 2012 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शंखलाल मांझी की जीत हुई।  उन्होंने बसपा के लाल जी वर्मा को शिकस्त दी।

वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद इस सीट पर कमल नहीं खिल सका।  यहां से बसपा के लाल जी वर्मा ने एक बार फिर बसपा को जीत दिलाने का काम किया।

बीएसपी और समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

यदि पिछले चुनाव की बात करें लाल जी वर्मा (बसपा) 84358 वोट यानी 35.99ः प्रतिषत अवधेश कुमार (भाजपा) को 78071 वोट 33.31 प्रतिशत     तथा जयशंकर पांडेय (सपा) 45532 वोट यानी 19.42 प्रतिशत  मत मिले थें।

लालजी वर्मा इस बार समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी है। उन्होंने पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अवधेश कुमार द्विवेदी को हराया था। इस बार भी उनका मुकाबला भाजपा निषाद गठबन्धन के प्रत्याषी अवधेश कुमार द्विवेदी बसपा प्रत्याशी प्रतीक पांडेय और कांग्रेस प्रत्याशी निषाद फातिमा से है।

साल 2017 में कटेहरी तब प्रदेश की वीआईपी सीटों में शामिल हुई थी। जब प्रदेश सरकार में तीन बार मंत्री रहे लालजी वर्मा ने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया था। एक बार एमएलसी और टांडा से चार बार के विधायक लालजी वर्मा पांचवीं बार कटेहरी से ही विधानसभा पहुंचे थे। लालजी वर्मा अब बसपा छोड़ सपा में शामिल हो चुके हैं।

Tags:    

Similar News