Ayodhya Deepotsav 2021: रामनगरी में पांचवें दीपोत्सव की तैयारी जोरो से शुरू, PM मोदी हो सकते हैं शामिल

Ayodhya Deepotsav 2021: उत्तर प्रदेश सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath ) ने अयोध्या (Ayodhya) में उसकी पौराणिकता और प्राचीनता के अनुसार दीपोत्सव मनाना शुरू किए।

Report :  NathBux Singh
Published By :  Shweta
Update: 2021-09-27 14:18 GMT

अयोध्या 

Ayodhya Deepotsav 2021: रामनगरी में पांचवें दीपोत्सव (fifth Deepotsav) की तैयारी शुरू कर दी गई है। राम की पैड़ी के सभी मंदिर प्राचीन पद्धति पर जीर्णोद्धार किए जा रहे हैं। दीपोत्सव (light festival) 7 से 10 दिवसीय होगा। आयोजन में करीब साढ़े सात लाख दीपक राम की पैड़ी को जगमगाएंगे। योगी सरकार (Yogi government) अपने कार्यकाल का आखरी दीपोत्सव बहुत ही भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath ) ने अयोध्या (Ayodhya) में उसकी पौराणिकता और प्राचीनता के अनुसार दीपोत्सव मनाना शुरू किए।

हर साल के साथ दीपोत्सव की भव्यता बढ़ती जा रही है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी दीपोत्सव मनाएगी। ऐसे में इस वर्ष के दीपोत्सव को और भव्य बनाने के लिए 7 से 10 दिन तक आयोजन हो सकता है। इतना ही नहीं 3 नवम्बर को होने वाले दीपोत्सव के दिन प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं, जिसकी तैयारी भी अभी से शुरु हो गई है।

राम की पैड़ी पर स्थित सैकड़ों साल पुराने मंदिरों का उसकी प्राचीनता के अनुसार जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके लिए मंदिरों की खराब हो रही दीवार को चूना सुर्खी गूगल और गुड़ से मिश्रित मसाले से बनाया जा रहा है। उसके बाद सम्पूर्ण घाट के मंदिरों को एक रंग में रंगा जाएगा। इसी घाट के तट पर साढ़े सात लाख दीपक जलाये जाएंगे। कार्यदाई संस्था के सुपरवाइज़र रामजी भाई ने बताया कि प्राचीन मंदिरों को जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसमें चूना, गुड़, गूगल, मोरंग के इस्तेमाल कर पुरानी पद्धति से बनाया जा रहा है।

दीपोत्सव के उद्देश्य से सरकार के द्वारा यह कार्य कराया जा रहा है। पुराने और प्राचीन किले जो टूटते हैं उन्हें भी इसी मटेरियल से पुरानी पद्धति पर बनाया जाता है। अभी 8 कारीगर दिन रात मेहनत करके दीपावली के पहले सभी प्राचीन मंदिरों की बाहरी दीवारों को रिपेयर कर रहे हैं। रिपेयरिंग पूरी होने के बाद मंदिरों को एक रंग में रंग रोगन कराया जाएगा।

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