Amit Shah arrives in Lucknow: पुलिस प्रमुखों के सम्मेलन में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिए सुरक्षा के टिप्स
Amit Shah arrives in Lucknow: राजधानी लखनऊ में पहली बार हो रहे डीजीपी सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर अपराध, डेटा गवर्नेंस सहित कई चुनौतियों से सामना करने की बात कही।
Amit Shah Arrives in Lucknow: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने आज कहा कि तटीय सुरक्षा, वामपंथी उग्रवाद, नारकोटिक्स, साइबर क्राइम तथा सीमा प्रबंधन जैसे सुरक्षा संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने निचले स्तर के अधिकारियों तक सूचनाओं के बेहतर प्रचार प्रसार पर जोर देते हुए अधिकारियों को जरूरी टिप्स दिए।
राजधानी लखनऊ में पहली बार हो रहे पुलिस महानिदेशकों (Director General of police) और पुलिस महानिरीक्षकों (Inspector General of Police) के सम्मेलन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर अपराध, डेटा गवर्नेंस, आतंकवाद विरोधी चुनौतियों, वामपंथी उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी में उभरते रुझान, जेल सुधार सहित कई चुनौतियों से सामना करने की बात कही। साथ ही उन्होने प्रभावी पुलिस व्यवस्था के लिए पुलिस थानों और बीट स्तर के सुधारों पर ज़ोर दिया।
अमित शाह ने राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों (central agencies) के बीच बेहतर तालमेल पर ज़ोर देते हुए आये हुए पुलिस प्रतिनिधियों से कहा कि वे सम्मेलन में दिए गए सुझावों पर समयबद्ध तरीके से अमल करें। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कोविड महामारी के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा निभाई गई भूमिका और उनके त्याग की सराहना की।
इस मौके पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किए, तथा देश के तीन सर्वश्रेष्ठ थानों, दिल्ली के सदर बाजार, ओडिशा के गंगापुर और हरियाणा के भटटू कलां को ट्राफी देकर सम्मानित किया।
बतातें चलें कि राजधानी लखनऊ में पहली बार यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में किया जा रहा है। जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक तथा बल प्रमुख, लखनऊ पुलिस मुख्यालय से इस सम्मेलन में सम्मिलित हो रहे हैं। इसके अलावा, लगभग 350 अन्य अधिकारी, विभिन्न राज्यों में स्थित कार्यालयों से वर्चुअल प्लैटफ़ार्म के जरिए इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।
देषभर के राज्यों के पुलिस प्रमुखों के इस सम्मेलन के दौरान आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई जिनमें जेल सुधार, कट्टरवादसे मिल रही चुनौतियाँ तथा पुलिस प्रशिक्षण जैसे विषय भी शामिल किए गए हैं।
सम्मेलन की खास बात यह है कि इस बार सम्मेलन के प्रारूप में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें आंतरिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा तथा विभिन्न राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को शामिल कर, अनेक कोर ग्रुप गठित किए गए। साथ ही पहली बार, सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 200 से अधिक विभिन्न वरिष्ठता के अधिकारियों से उनके विचार मांगे गए है।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20-21 नवंबर को पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 56वें सम्मेलन में भाग लेंगे।
इस सम्मेलन से पहले 2014 से वार्षिक सम्मेलन को दिल्ली से बाहर आयोजित किए जाते रहे है। इस तरह का पहला सम्मेलन 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में धोर्डाे, कच्छ की खाड़ी, 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद, 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर, 2018 में केवड़िया तथा 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में आयोजित किया गया था। परंपरागत रूप से दिल्ली में आयोजित किया जाता था।
लखनऊ में दो दिवसीय इस सम्मेलन में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख लखनऊ में आएगे जबकि जबकि शेष आमंत्रित व्यक्ति आईबी एवं एसआईबी मुख्यालय में 37 विभिन्न स्थानों से वर्चुअल तौर पर इसमें भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान सभी राज्य के डीजीपी अपनी प्रस्तुति देगें। साथ ही प्रमुख विषयों पर सत्र आयोजित करने के लिए आईजी की कई समितियों का गठन किया गया है।
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