Lucknow Crime News: STF ने नकली खून की तस्करी कर रहे दो लोगों को पकड़ा, मास्टरमाइंड निकला सैफ़ई मेडिकल विश्वविद्यालय का प्रोफेसर

Lucknow Crime News: एसटीएफ ने नकली खून का कारोबार करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार लोगों में सैफ़ई मेडिकल विश्वविद्यालय का प्रोफेसर भी है शामिल।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Monika
Update: 2021-09-17 01:29 GMT

खून तस्करी के आरोप में गिरफ्तार (फोटो : सोशल मीडिया )

Lucknow Crime News:  नकली खून (nakli khoon ) के कारोबार करने वाला सबसे बड़ा मास्टरमाइंड (mastermind) उत्तर प्रदेश की सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय  में तैनात प्रोफेसर (Saifai Medical University Professor ) डॉ. अभय कुमार सिंह है। गुरुवार की देर शाम यूपी एसटीएफ (UP STF) ने इसे इसके एक साथी अभिषेक के साथ लखनऊ एक्सप्रेस-वे (Lucknow Expressway) के पास से गिरफ्तार (Arrested) किया है।

यह जानकारी एसटीएफ के आई जी अमिताभ यश ने दी है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार प्रोफेसर व उसके साथी के पास से 100 यूनिट नकली ब्लड,21 से अधिक ब्लड बैंकों के कागजात, दो रक्तदान शिविर के बैनर,एक फोर्ड ईको स्पोर्ट कार, सैफ़ई मेडिकल विश्वविद्यालय का आई डी कार्ड, 10 मोबाइल फोन व 24 हज़ार नगद कैश भी बरामद हुआ है। एसटीएफ आई जी ने बताया कि गिरफ्तार इस मास्टरमाइंड प्रोफेसर का नकली खून के कारोबार का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के जनपदों में भी फैला है। यूपी एसटीएफ अब इसके पूरे राकेट को खंगालने में लगी हुई है। इस प्रोफेसर व इसके साथी की गिरफ्तारी के बाद से इस रैकेट से जुड़े कई सफेदपोश मफिया अब भूमिगत हो गए हैं। 

गिरफ्तार सैफ़ई मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अभय कुमार सिंह ने एसटीएफ की टीम को पूछताछ में बताया कि वह अपने द्वारा तैयार किये गए नकली खून को लखनऊ के अवध हॉस्पिटल-आलमबाग,वर्मा हॉस्पिटल -काकोरी,काकोरी हॉस्पिटल,लखनऊ निदान ब्लड बैंक,बन्थरा और मोहनलालगंज स्थित अस्पतालों,सुषमा हॉस्पिटल के अलावा अन्य अस्पतालों में सप्लाई करता था।अब ये सभी अस्पताल एसटीएफ की जांच के दायरे में आ गए हैं। इसके अतिरिक्त इन दोनों ने अपने नकली खून के कारोबार से जुड़े अन्य लोगो के नाम भी एसटीएफ को बताये हैं।

डेंटल कॉलेज का रहने वाला प्रोफेसर

गिरफ्तार डॉ. अभय सिंह रायबरेली रोड स्थित डेंटल कॉलेज का रहने वाला है। जबकि अभय का साथी अभिषेक सिद्धार्थनगर का रहने वाला है।देश के कई राज्यों में इनके नकली खून के कारोबार का नेटवर्क फैला हुआ है।ये दोनों आरोपी पंजाब,हरियाणा और राजस्थान के रक्तदान शिविरों में डोनेट किये गए खून को लेकर लखनऊ आ रहे थे। तभी इनकी कार से 45 यूनिट खून बरामद हुआ है। इनसे पूछताछ के बाद जब एसटीएफ ने इनके फ्लैट पर छापेमारी की तो इनके फ्लैट से फ्रिज के अंदर से 55 यूनिट खून बरामद हुआ है।

एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी डॉ. अभय प्रताप और अभिषेक पाठक ने बताया कि वे ना सिर्फ तस्करी करते हैं, बल्कि मिलावटी ब्लड की भी सप्लाई करते हैं। डॉ अभय ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के लोग काफी ब्लड डोनेट करते हैं। वहां के ब्लड बैंक में पर्याप्त खून रहता है।अभय ऐसे ही ब्लड बैंकों से 1200 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से ब्लड खरीदकर लखनऊ और आसपास के नर्सिंग होम में 4000 से 6000 रूपये यूनिट ब्लड बेचता था।वह ब्लड में सलाइन वॉटर मिलाकर एक यूनिट से दो यूनिट ब्लड भी बना लेता था।

सैफई में असिस्टेंट प्रोफेसर अभय

डॉक्टर अभय प्रताप साल 2000 में केजीएमसी से एमबीबीएस, 2007 में एसजीपीजीआई से md ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की डिग्री लेने के बाद अभय 2010 में लखनऊ के ओपी चौधरी डेंटल कॉलेज में नौकरी करने लगा।वह 2014 में चरक हॉस्पिटल में काम करता था।इसके बाद 2015 में नेति हॉस्पिटल, मथुरा में सलाहकार बन गया।वह मौजूदा वक्त में यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस सैफई इटावा में असिस्टेंट प्रोफेसर है।

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