Lucknow News: बोले सीएम योगी- नए भारत का एक नया ब्रांड है खादी, आने वाला समय खादी का

सीएम योगी बोले खादी स्वदेशी, सम्मान और स्वावलंबन का उदाहरण

Newstrack :  Network
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-10-19 20:48 IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow News: जब हम खादी की बात करते हैं तो खादी (Khadi) स्वदेशी, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी के दौरान देश को आत्मनिर्भर भारत का एक नया मंत्र दिया। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किए बगैर कोई देश सम्मान पूर्वक अपने जीवन को आगे नहीं बढ़ा सकता। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें 'वोकल फॉर लोकल' (vocal for local) के मंत्र का पालन करना चाहिए। जो हमारे देसी, स्‍वदेशी, स्‍थानीय उत्‍पाद हैं उसको प्रोत्साहित, प्रमोट करने संग उसको नई तकनीकी के साथ जोड़ते हुए आगे बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। जिसके लिए विभाग कि ओर से कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। ये बातें मंगलवार को सीएम योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) ने खादी महोत्‍सव (Khadi mahot‍sav) पर कहीं।

आजादी के अमृत महोत्‍सव (amrit mahot‍sav) के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में खादी महोत्‍सव (UP Me Khadi Mahot‍sav) की शुरूआत हुई। सीएम ने कहा कि यूपी आत्‍मनिर्भर भारत के संकल्‍प को तेजी से पूरा कर रहा है। प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद की योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, माटी कला बोर्ड से जुड़ी हुई योजनाओं से जुड़कर लोग आत्‍मनिर्भर बन रहे हैं। खादी आज नए भारत का एक नया ब्रांड बन गया है। आगे आने वाला समय खादी का है। देश आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश किया है । आज खादी के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। खादी ने भारत की आजादी की लड़ाई को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के साथ देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को एक मंच दिया था। वह खादी ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री जी के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए एक नए ब्रांड के रूप में काम करेगा।

खादी ने दी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

सीएम ने कहा कि खादी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है ।इससे ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी। विभाग ने विगत तीन चार वर्षों के अंदर प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रेरणा से बहुत कुछ नया किया है। जैसे पहले मैनुअल चरखे हुआ करते थे । उसको सोलर चरखों के साथ जोड़ा है। तकनीकी के संग जब सामान्‍य कार्य को जोड़ते हैं तो व्यक्ति की कार्य क्षमता के साथ उसकी कमाई को भी बढ़ा देता है। प्रदेश में आज खादी की मांग तेजी से बढ़ी है ऐसे में तकनीक, टूलकिट्स और ट्रेनिंग के कार्यक्रम चल रहे हैं। महज पिछले 3-4 वर्षों में बदलते उत्तर प्रदेश की तस्‍वीर हम सबने देखी है। साल 2017 में बेरोजगारी की दर 17 से 18 फीसद थी, जो आज घटकर 5 फ़ीसदी ही रह गई है। ये इस का प्रमाण है कि हमारी सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।

स्‍वदेशी उत्‍पादों की चमक देख चीन अपना माथा फोड़ लेगा

सीएम ने कहा कि माटी कला बोर्ड द्वारा शानदार मिट्टी के उत्‍पाद, गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति तैयार की जा रही हैं। यह मूर्तियां मार्केट में आए तो चीन अपना माथा फोड़ देगा। उनकी एक भी मूर्ति इन स्‍वदेशी उत्‍पादों के आगे नहीं बिकने वाली हैं। उन्‍होंने कहा कि तकनीक का साथ और शासन का अगर थोड़ा सा संबल मिल जाए तो हमारा या ब्रांड मार्केट में छा जाएगा। एक जनपद एक उत्पाद की योजना हो, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना हो, खादी के उत्पादों को ब्रांड बनाने की कला हो, माटी कला को एक ब्रांड बनाने की योजना हो, एक से बढ़कर एक योजनाएं आज सफल होती दिखाई दे रही हैं।

04 सालों में लाखों लोगों को मिला रोजगार

पिछले चार वर्षों के दौरान 1,68,000 से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार दिया जा चुका है। प्रदेश सरकार ने 2021-22 में लगभग 50,000 लोगों को रोजगार की मुख्‍यधारा से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता के तहत 2017-18 से 20-21 तक 307 खादी संस्थानों के 33 करोड़ 37 लाख 62 हज़ार रुपए का अब तक भुगतान किया गया है। इसमें खादी संस्थाओं के लगभग 1,61,345 कामगारों को 9 करोड़ 52 लाख 92 हजार रुपए के प्रोत्साहन बोनस का भुगतान किया जा चुका है। 21-22 में अब तक 136 खादी संस्थाओं को चार करोड़ 87 लाख 33 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। जिनमें 25,474 कामगारों को एक करोड़ 65 लाख 70 हजार रुपए के प्रोत्साहन बोनस का भुगतान किया गया है। इसके साथ ही बीते 3 वर्षों में निःशुल्क सोलर चरखों का वितरण, 3,803 लाभार्थियों को निःशुल्क टूल किट दी हैं। इस वर्ष के अंत तक 2500 टूल किट वितरण का लक्ष्य हम लोगों ने रखा है।

रेशम उत्‍पादन के लिए यूपी में हैं अपार संभावनाएं

उन्‍होंने कहा कि यूपी में रेशम उत्पादन के अपार संभावनाएं हैं। 57 जनपदों के तीन प्रकार के रेशम का उत्पादन होता है। रेशम की खपत हमारे यहां 3000 मी टन है।जबकि उत्पादन मात्र 300 मी टन है। ऐसे में रेशम के उत्पादन को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है जिसके लिए सरकार तेजी से कार्य कर रही है। पहले प्रशिक्षण कार्य के लिए दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता था।लेकिन साल 2018 में मीरजापुर स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण पूर्ण करा कर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। 2019 में जनपद पीलीभीत और बहराइच में 1-1 रेलिंग मशीन की स्थापना कराने के साथ 13 और रेलिंग मशीन की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। लखनऊ में क्षेत्रीय रेशम अनुसंधान केंद्र कि स्थापना हेतु 5 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा और किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

यूपी से कम आबादी वाले देश रूस में कोरोना का कहर

सीएम ने कहा कि सर्वाधिक आबादी वाले यूपी की तुलना में आबादी के लिहाज से छोटे देश रूस में एक दिन में कल चौंतीस हजार नए मामले दर्ज किए गए। जबकि उत्तर प्रदेश में कल कुल 12 नए मामले दर्ज किए गए। 15 दिवसीय चलने वाले इस खादी महोत्‍सव से सीएम ने लोगों से वोकल फॉर लोकल की अपील करते हुए स्‍वदेशी उत्‍पादों को भेंट करने को कहा उन्‍होंने इस अवसर पर लाभार्थियों को बधाई दी।

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