निजी सचिव के ऑफिस से पुलिस को सुसाइड नोट और रिकॉर्डिंग मिला, बहन की ससुराल से थे तनावग्रस्त

निजी सचिव के ऑफिस से पुलिस ने एक सुसाइड नोट और मोबाइल रिकॉर्डिंग बारामद की है...

Written By :  Sandeep Mishra
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-08-31 06:56 IST

निजी सचिव के ऑफिस से पुलिस को मिला सोसाइड नोट और रिकॉर्डिंग


लखनऊ। अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे के निजी सचिव विशम्भर दयाल के खुद को गोली मारने के प्रयास में अब राजधानी की पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ा दिया है। ऑफिस के आठवें फ्लोर के जिस रूम नम्बर 824 में निजी सचिव ने गोली मारकर आत्महत्या करने का प्रयास किया है,उस रूम की तलाशी लेने के बाद पूलिस को उनका लिखा एक सोसाइड नोट व स्टैंड मोड़ पर रखा उनका एक मोबाइल भी बरामद हुआ है।पुलिस को आशंका है कि खुद को गोली मारने से पूर्व निजी सचिव विशम्भर ने अपना बयान भी सम्भवतः रिकार्ड किया है।पूलिस इस सोसाइड नोट व मोबाइल को अपने साथ ले गयी है,जिसकी जांच की जा रही है।

घटनास्थल पर पुलिस 

बहन की ससुराल में जारी विवाद से थे तनाव ग्रस्त

बताया यह जा रहा है कि निजी सचिव विशम्भर ने अपनी सगी बहन की ससुराल में चल रहे जमीनी विवाद को लेकर तनावग्रस्त रहते थे।पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस इस सोसाइड नोट में निजी सचिव ने इस बात का ही  उल्लेख किया है।उन्होंने खुद को गोली मारने से पूर्व अपने इस सोसाइड नोट में लिखा है कि सूबे के उन्नाव जिले के थाना औरास इलाके में स्थित उनकी बहन का ससुराल के अन्य सदस्यों के साथ कोई जमीनी विवाद चल रहा था।ससुरालीजनों ने एक बीघा जमीन के विवाद में उनके भांजे को आरोपी बनाकर उस पर मुकद्दमा दर्ज करवा दिया था।इस मामले में ससुरालीजनों ने निजी सचिव के खिलाफ भी मुकद्दमा दर्ज करवाने की तैयारी कर ली थी,इसको लेकर वे पिछले दिनों से बेहद तनाव में आ गए थे।बस इसी तनाव के चलते निजी सचिव ने आत्महत्या करने के उद्देश्य से अपनी कनपटी में गोली मार ली है।सूत्र बताते हैं कि बरामद सोसाइड नोट में इन सभी बातों का उल्लेख है।

मामले की जांच करती पुलिस

बेहद शांत स्वभाव के हैं निजी सचिव विशम्भर

अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव बेहद शांत स्वभाव के थे।ऐसा उन लोगों का कहना है,जो पिछले कई माह से उनके साथ काम कर रहे थे।उनके सहपाठी व स्वयं अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे भी यह नही समझ पा रहे हैं कि इतने शांत रहने वाले विशम्भर दयाल ने अचानक से यह कदम कैसे उठा लिया है?

सचिवालय की सुरक्षा शक के दायरे में

शासन-प्रशासन के लोग इस बात का कोई सटीक व तर्कपूर्ण जवाब नही दे पा रहे हैं कि सचिवालय की  इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अखिर निजी सचिव अपनी लाइसेंसी पिस्टल के साथ सचिवालय ने प्रवेश कैसे कर गए?आम तौर पर किसी भी तरह का कोई भी असलाह सचिवालय के भीतर ले जाने की अनुमति किसी को नहीं है।क्या निजी सचिव को अपने साथ असलाह ले  जाने की अनुमति थी?क्या वे रोज अपनी लाइसेंसी पिस्टल लेकर कार्यालय आते थे?इन कई सवालों के जवाब शासन व प्रशासन से जुड़े आला अफसर अब तक नहीं दे पा  रहे हैं।कुल मिलाकर यह बेहद गम्भीर मसला है कि निजी सचिव सचिवालय के भीतर अपने असलहे के साथ कैसे प्रवेश कर गए?

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