अब मुख्तार के साथ साथ माफिया अतीक के पुत्र की लखनऊ स्थित सम्पत्तियां होंगीं कुर्क

Lucknow News: लखनऊ के थाना कृष्णानगर से संबधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी। विवेचना के दौरान पुलिस ने अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

Written By :  Sandeep Mishra
Published By :  Monika
Update: 2021-10-23 08:15 GMT

अतीक अहमद पुत्र मोहम्मद उमर (फोटो : सोशल मीडिया )

Lucknow News: माफिया मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  की राजधानी लखनऊ में काली कमाई से खरीदी गई सम्पत्तियों के सीज करने की प्रक्रिया तो चल रही है । लेकिन अब माफिया अतीक अहमद के बेटे (Ateeq Ahmed son) की भी लखनऊ स्थित अवैध सम्पत्तियों को भी सीज किया जाएगा (awaidh sampatti Seize) । इस तरह के आदेश सीबीआई कोर्ट ने दिए हैं।

सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने माफिया अतीक अहमद के पुत्र मो. उमर की सम्पति कुर्क कर जब्त करने का आदेश जारी किये हैं। सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेतट समृद्धि मिश्रा ने इस मामले में फरार चल रहे एक अन्य अभियुक्त योगेश कुमार की सम्पति भी कुर्क ( Yogesh kumar sampatti kurk ka aadesh) करने का आदेश दिया है। उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक व सीबीआई के सब इंसपेक्टर नीरज वर्मा के प्रार्थनापत्र पर दिया है। इससे पहले इन दोनों अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट व कुर्की से पहले की कार्यवाही की नोटिस जारी की जा चुकी थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआई ने कर जांच शुरू की थी

लखनऊ के थाना कृष्णानगर से संबधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी। विवेचना के दौरान पुलिस ने अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन गत 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। गत 12 जून, 2019 को सीबीआई ने इस मामले में अतीक अहमद, फारुख, जकी अहमद, मो. उमर, जफर उल्लाह, गुलाम सरवर व 12 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।

सीबीआई का आरोप पत्र (CBI charge sheet) 

विवेचना के बाद सीबीआई ने अतीक समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ बल्वा, हत्या के लिए अपहरण (hatya ke liye aprahan) , जबरिया वसूली (vasuli) , धोखाधड़ी (dhokhadhadi) , जालसाजी (jaalsaji) , कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल, जानमाल की धमकी व साजिश रचने आदि जैसी आईपीसी की गंभीर धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया। इन अभियुक्तों का मुकदमा कमिट कर ट्रायल के लिए सत्र अदालत को भेजा जा चुका है। सीबीआई ने बाद में अतीक के बेटे मो. उमर, योगेश कुमार, नीतेश मिश्रा व महेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। नीतेश मिश्रा व महेंद्र कुमार सिंह आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में हैं।

यह है थी पूरी घटना 

गत 28 दिसंबर, 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल (Mohit Jaiswal) ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गो के जरिए गोमतीनगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया। तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया। अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इंकार कर दिया। इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तमंचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा। उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।

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