Lucknow: लखनऊ पुलिस ने सड़क पर बेहोश पड़े व्यक्ति के लिए किया ऐसा काम, आप भी करेंगे वाह-वाह
लखनऊ पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। सड़क पर बेहोश पड़े व्यक्ति को जियमाऊ चौकी प्रभारी प्रियदत्त मिश्रा ने एम्बुलेंस का इंतज़ार न करते हुए अपनी सरकारी गाड़ी से सिविल हॉस्पिटल इलाज के लिए भेजा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में कुछ अधिकारियों के कारनामे ऐसे होते हैं जो समाज मे एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। ऐसे पुलिस अधिकारियों के शरीर पर खाकी खुद अपने को गौरवांवित महसूस करती है। आज गुरुवार को लखनऊ कमिशनरेट पुलिस के एक चौकी इंचार्ज ने ऐसा ही मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण उदाहरण आम जनता के समक्ष पेश किया है। जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है और महकमा भी ऐसे चौकी इंचार्ज के इस कारनामे से स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
राजधानी लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट का मानवीय सम्वेदनाओं से जुड़ा यह वाक्या है, गौतमपल्ली थाने का। आज गुरुवार को दिन में थाने के पास एक व्यक्ति बेहोश पड़ा हुआ था। थाने से बाहर निकलते ही जैसे जियामाऊ चौकी इंचार्ज प्रियदत्त मिश्रा की नज़र उस व्यक्ति पर पड़ी तो तुरंत उन्होंने उसके पास जाकर देखा, तो वह व्यक्ति बेहोश था। जियमाऊ चौकी प्रभारी प्रियदत्त मिश्रा ने उस व्यक्ति के लिये एम्बुलेंस का इंतज़ार न करते हुए अपनी सरकारी गाड़ी से सिविल हॉस्पिटल इलाज के लिए भेजा।
थाना गौतमपल्ली के जियामऊ चौकी इंचार्ज ने अपने इस कदम से सीएम योगी के मित्र पुलिस के अभियान को एक कदम आगे बढ़ा दिया है। साथ ही समाज में मानवीय सम्वेदनाओं की एक मजबूत इबारत भी लिखी है। वे चाहते तो एम्बुलेंस को भी कॉल करके बुला सकते थे और एक चौकी इंचार्ज की कॉल पर सरकारी एम्बुलेंस भी बिना देरी किये मौके पर पहुंचती, लेकिन उन्होंने बेहोश पड़े व्यक्ति की सीरियस हालत के मद्दे नजर एम्बुलेंस बुलाने में समय की बर्बादी को समझा। वे उस बेहोश व्यक्ति को जल्द से जल्द एक अच्छा ट्रीटमेंट दिलाना चाहते थे बस ऐसी मानसिकता के चलते उन्होंने तत्काल अपनी सर्विस कार से उसे अस्पताल पहुंचाया।
उनके इशारे पर थाने के कुछ अन्य पुलिस कर्मियों ने इस नेक काम मे उनका सहयोग किया और सावधानी से उस बेहोश युवक को अपनी कार में लिटाया और उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया।हालांकि कई पुलिस कर्मी आज भी अपनी बेजा हरकतों से महकमे की छवि को कलंकित करते हैं लेकिन ऐसे पुलिस कर्मी अपने कार्यो से खाकी की चमक भी बढ़ा रहे हैं।