Lucknow News: राजधानी के हजारों लोगों को झटका, अब शमन योजना के तहत नहीं मिलेगा घर

Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने राजधानी के हजारों लोगों के सपनों पर पानी फेर दिया है। शमन योजना 2022 के तहत आवेदन किए गए सभी प्रार्थना पत्रों को निरस्त कर दिया है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-18 16:38 GMT

लखनऊ विकास प्राधिकरण: शमन योजना 2022 के तहत आवेदन किए गए सभी प्रार्थना पत्र निरस्त

Lucknow News: राजधानी में जिन लोगों का आशियाना अवैध है, उनके लिए एक बुरी खबर है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ने शमन योजना 2022(Mitigation Plan 2022) के तहत आवेदन किए गए सभी प्रार्थना पत्रों को निरस्त कर दिया है। एलडीए उपाध्यक्ष ने शनिवार को जन शिकायतों के निस्तारण के दौरान सामने आए प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए इस संबंध में नया आदेश जारी किया है। जिसके तहत अनाधिकृत तरीके से घर बनाकर रह लोगों को अब शमन उप विधि-2010 के तहत ही आवेदन करना होगा।

एलडीए उपाध्यक्ष ने की समीक्षा बैठक

वीसी अक्षय त्रिपाठी (VC Akshay Tripathi) आज अपने कार्यालय पर जन शिकायतों को सुन रहे थे । इस दौरान सरस्वतीपुरम् का एक प्रकरण सामने आया। जिसमें भवन स्वामी द्वारा शमन योजना-2020 के तहत आवेदन किया गया था। इसके आधार पर भवन स्वामी द्वारा उसके निर्माण को नियमित किये जाने की मांग की गई थी। मामले की समीक्षा के दौरान एलडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि शमन योजना-2020 को हाईकोर्ट द्वारा स्थगित कर दिया गया था।


राजधानी में अवैध निर्माण कर रह रहे लोगों को झटका, शमन योजना के सभी आवेदन होंगे निरस्त

जिसके बाद शासन द्वारा सामान्य शमन नियमों के अंतर्गत शमन मानचित्र निस्तारित करने के निर्देश दिये गये थे। लिहाजा जिन लोगों ने शमन योजना-2020 (Mitigation Plan 2022) के तहत आवेदन कर रखा है, वे यदि चाहें तो शमन उप विधि-2010 के प्राविधानों के अनुसार फिर से आवेदन कर सकते हैं। अन्यथा शमन योजना-2020 के अंतर्गत किये गये आवेदनों को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम, जलकल को जल्द मुहैया कराई जाएंगी सुविधाएं

वहीं वीसी अक्षय त्रिपाठी ने योजनाओं के हस्तांतरण के संबंध में भी एक बैठक की। जिसमें उन्होंने जानकीपुरम् योजना के सेक्टर-जे एवं जानकीपुरम् विस्तार योजना के सेक्टर-1 से सेक्टर-11 तक की नगर निगम व जलकल विभाग को हस्तांतरित की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी अधिकारियों से ली। इसी तरह उन्होंने गोमती नगर योजना के अंतर्गत विराज खण्ड, विकल्प खण्ड, विभूति खण्ड एवं गोमती नगर विस्तार योजना की नगर निगम और जल संस्थान को हस्तांतरण की जाने वाली सुविधाओं की सूची तैयार करवाई। उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित विभागों को जितनी सुविधाएं हैण्डओवर की जानी हैं, उन्हें ले-आउट पर मार्क करके 10 दिनों में भेज दें। जिसके बाद नगर निगम के साथ संयुक्त बैठक करके इन सुविधाओं के हस्तांतरण की कार्रवाई की जाएगी।

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