KGMU में प्रोफेसर, एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर के 188 पद खाली, गूंजा SGPGI के बराबर वेतन का मामला

Lucknow News Today: केजीएमयू शिक्षक संघ के कार्य परिषद की मीटिंग में बताया गया कि केजीएमयू में प्रोफेसर के 21, एडिशन के 06, एसोसिएट के 30 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 131 पद यानी कुल 188 पद रिक्त हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-12-12 15:31 IST

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय। 

Lucknow News Today: राजधानी के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) में केजीएमयू शिक्षक संघ (KGMU Teachers Association) के कार्य परिषद की बैठक हुई। सर्जरी विभाग में प्रो. के.के. सिंह की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में कई मुद्दों पर सहमति बनी। जिन्हें शासन को दोबारा ज्ञापन के माध्यम से बताया जाएगा। इसके लिये अगले सप्ताह शिक्षक संघ की आम सभा की बैठक बुलाई जाएगी। साथ ही, लोहिया (Lohia), पीजीआई (PGI), सैफई (Saifai) व केजीएमयू की कॉमन समस्याओं को देखते हुए संयुक्त शिक्षक संघ का भी गठन जाएगा।

शिक्षक संघ की बैठक में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के समान वेतन व भत्ते पर सहमति बनी। गौरतलब है कि केजीएमयू परिनियमावली में स्पष्ट प्रावधान होने के बावजूद केजीएमयू के शिक्षकों को पी.जी.आई. के समान 01 जनवरी, 2016 से अनुमन्य पुनर्रक्षित वेतनमान नहीं दिया गया है, जबकि पीजीआई हेतु इस आशय का आदेश 20 फरवरी, 2020 को जारी किया जा चुका है।

प्रोफेसर, एसोसिएट व अस्सिटेंट प्रोफेसर के 188 पद खाली

शिक्षक संघ की मीटिंग में बताया गया कि केजीएमयू में प्रोफेसर के 21, एडिशन के 06, एसोसिएट के 30 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 131 पद यानी कुल 188 पद रिक्त हैं। जिनकी केजीएमयू अधिनियम व परिनियमावली के अनुसार नियमित नियुक्ति न करके संविदा के आधार पर भर्ती करने की भूमिका बनायी जा रही है।

KGMU वेकेंसी (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

केजीएमयू एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो आवश्यकतानुसार अपनी नियमित भर्तियां दो माह में पूर्ण कर सकता है। केजीएमयू जैसे संस्थान में इतने पद रिक्त रहते हुए शैक्षणिक एवं शोध कार्य की दृष्टि संविदा शिक्षकों की नियुक्ति करना औचित्यहीन व अवैधानिक है, क्योंकि, परिनियमावली में शिक्षकों के पुनर्नियोजन हेतु ही संविदा पर नियुक्ति का प्रावधान है। बता दें कि, विशेष परिस्थितियों में ही संविदा पर नियुक्ति का प्रावधान है।

मीटिंग में इन मुद्दों पर बनी सहमति:-

  • एसजीपीजीआई के संकाय सदस्यों (KGMU faculty members) के बराबर हो केजीएमयू के संकाय सदस्यों का वेतन व भत्ता।
  • कोरोना काल में निरंतर ड्यूटी के कारण शिक्षकों द्वारा शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश उपभोग नहीं किए गए थे, जिन्हें अर्जित अवकाश में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
  • केजीएमयू में प्रोफेसर, एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कुल 188 पद खाली हैं।
  • केजीएमयू की इमरजेंसी में आने वाले वे गरीब व गम्भीर मरीज, जिनके पास आयुष्मान कार्ड आदि की कोई सुविधा नहीं होती है, जिसके कारण उनके तत्काल उपचार हेतु अलग से प्रावधान करने की आवश्यकता है और इसका अधिकार उपचार करने वाले डॉक्टर व यूनिट को देना चाहिए।
  • केजीएमयू के शिक्षकों की प्रोन्नति में अनावश्यक विलम्ब होने के कारण, उनका आर्थिक नुकसान होता है। अतः समय से प्रोन्नति हेतु प्रावधान करते हुए वर्ष में दो बार (जनवरी व जुलाई) में चयन समिति की बैठक सुनिश्चित की जानी चाहिए।

मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में उपलब्ध हों ये सुविधाएं

मीटिंग में कैंसर मरीजों के उचित उपचार हेतु मेडिकल आंकोलॉजी विभाग को तत्काल उचित स्थान, बेड, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराए जाने पर सहमति बनी। केजीएमयू शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि नवनियुक्त एवं प्रोन्नत शिक्षकों का स्वागत समारोह शीतकालीन अवकाश के बाद शिक्षक संघ द्वारा किया जाएगा।

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