Lucknow News: लखनऊ के PGI अस्पताल की सामने आई सच्चाई, नहीं दिया अपने ही गार्ड को इलाज, तड़प-तड़पकर निकली जान

Lucknow News: एक मामला सामने आया है राजधानी लखनऊ के पीजीआई(PGI) अस्पताल का। जिसने पूरे अस्पताल प्रशासन की सारी सच्चाई सामने लाकर रख दी।

Written By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-03 10:07 IST

लखनऊ के पीजीआई में मिथिलेश कुमार गार्ड की मौत (फोटो-सोशल मीडिया) 

Lucknow: अस्पताल में लोग डॉक्टर्स को भगवान मानते हुए बड़ी आस के साथ जाते हैं, इजाल कराने के लिए। लेकिन अस्पताल में मरीज की जिंदगी को खिलवाड़ बना कर रख दिया है। ऐसा एक मामला सामने आया है राजधानी लखनऊ के पीजीआई(PGI) अस्पताल का। जिसने पूरे अस्पताल प्रशासन की सारी सच्चाई सामने लाकर रख दी। यहां पर पीजीआई(PGI) के ही कर्मचारी को उसी के अस्पताल में इलाज नहीं मिला।

लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में पूरे यूपी के यानी बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं। पीजीआई राजधानी का बहुत बड़ा सरकारी अस्पताल है। ऐसे में यहां पीजीआई में ही काम करने वाले एक कर्मचारी की हालत बिगड़ने पर उसे इलाज नहीं दिया गया। उसके बाद कर्मचारी को इलाज न देकर उसे 15 किलोमीटर दूर उपचार के लिए भेज दिया। इस तरह इलाज में इतनी ज्यादा लापरवाही ने कर्मचारी की जान ले ली। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर अब अस्पताल प्रशासन ने जांच बैठा दी है। बताया जा रहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

न बचा फर्ज ना ही बची इंसानियत

वैसे भी एक इंसान की जान तो चली ही गई, उसका परिवार तो टूट ही गया। अब जांच बैठालने से क्या। ये सिर्फ किस्सा है जो सामने आया है। ऐसे मामले करीब हर रोज होते होंगे, जिसमें मरीज को भर्ती नहीं किया, इलाज नहीं दिया। इमरजेंसी में इलाज तक शुरू नहीं किया। इस तरह की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था कहां तक उबरा जा सकता है। 

ऐसे में मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ के पीजीआई में मिथिलेश कुमार गार्ड (टाइप 4) में (Mithilesh Kumar posted in Guard (Type 4) in Lucknow's PGI.)तैनात थे। इन दिनों पीजीआई में उनकी रात 11:00 से सुबह 7:00 बजे तक नाइट ड्यूटी लगती थी। आपको बता दें, यहां पीजीआई के डायरेक्टर समेत और भी बहुत से डॉक्टर्स रहते हैं।

इस तरह का अस्पताल प्रशासन...

दरअसल कर्मचारी को करीब सुबह 5 बजे सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद वह दूसरे गार्ड के साथ पीजीआई की इमरजेंसी में पहुंचे। जहां दर्द से कराह रहे गार्ड को एडमिट नहीं किया गया। अस्पताल में उन्हें बताया गया कि मरीज के पास कोविड की RT-PCR रिपोर्ट नहीं है। इसलिए उन्हें भर्ती नहीं किया जा सकता।

इसके बाद कई प्रयास करने के बाद भी अस्पताल वाले नहीं माने। और 17 किलोमीटर दूर इलाज कराने भेज दिया, जहां समय निकल चुका था। सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात आई, गार्ड को इलाज के लिए 15 किलोमीटर दूर लोकबंधु हॉस्पिटल भेजा गया था। लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद देर हो जाने की वजह से पीजीआई गार्ड की मौत हो गई। वहीं पोस्टमार्टम में मौत की वजह को ठंड लगना बताया गया है।

बताया जा रहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। लखनऊ में इस पूरे मामले से देश के अस्पताल औऱ प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। जहां पर इलाज के लिए गया मरीज तड़प-तड़प कर मर जाए, लेकिन अस्पताल प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता है। 

ऐसे में पीजीआई (PGI) के डायरेक्टर ने इस पूरे मामले पर जांच बैठा दी है। होम गार्ड इंचार्ज सचिन मिश्रा के अनुसार, जो गार्ड हमारे यहां तैनात था, देर रात उसके सीने में दर्द हुआ। इससे मौत हो गई। सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह ठंड लगना आई है। वहीं मृतक के बेटे को नौकरी दिए जाने की बात भी कही गई है।

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