सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश यादव पर बोला हमला, सपा के जंगलराज से राज्यों में पलायन को मजबूर थे उद्यमी
Lucknow News: राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह कहा कि वेस्ट यूपी में अखिलेश सरकार के पांच साल में न कोई योजना और न ही कोई परियोजना परवान चढ़ी।
Lucknow News: कैबिनेट मंत्री (UP Cabinet Mantri) और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह (Siddharth Nath Singh Ka Akhilesh Par Hamla) ने सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP leader Akhilesh Yadav) के शासनकाल को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार (Sapa Sarkar) में वेस्ट यूपी तुष्टीकरण की राजनीति और दंगे से त्रस्त था। वेस्ट यूपी में सबसे ज्यादा दंगे हुए और सपा के जंगलराज (Sapa Ka Jangalraj) के कारण हरियाणा, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में पलायन को उद्यमी मजबूर थे। किसानों का सैकड़ों करोड़ रुपए गन्ना मूल्य बकाया था, जिसे योगी सरकार (Yogi Sarkar ka bhugtan) ने भुगतान किया है।
ये बातें उन्होंने आज पत्रकारों से बातचीत में कहीं (Siddharth Nath Singh Press Conference LIVE)
उन्होंने कहा कि वेस्ट यूपी में अखिलेश सरकार के पांच साल (akhilesh sarkar ke panch sal) में न कोई योजना और न ही कोई परियोजना परवान चढ़ी। परवान चढ़ी तो सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति। उन्हें आज मां शाकुंभरी याद आ रही हैं। इस बार वेस्ट यूपी ही सपा को बाहर का रास्ता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि वेस्ट यूपी के किसान (UP Ke Kisan) और सम्मानित मतदाता मुजफ्फरनगर के दंगे को कभी भूलेंगे नहीं। आरोपियों को मिलने के लिए हेलीकाप्टर से लखनऊ बुलवाया गया था।
Siddharth Nath Singh Press Conference LIVE - उन्होंने कल से शुरू हो रहे सपा के फाइव स्टार यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि देर से ही सही। लेकिन सद् बुद्धि आई । अब अब्बा जान को पोस्टर पर जगह तो दे दी है।लेकिन दिल में नहीं। जिस चाचा ने पूरी जिंदगी भाई का साथ दिया। बचपन में भतीजे को गोद में खेलाया, उसी चाचा को ठग लिया।
Siddharth Nath Singh Press Conference LIVE - अब उन्होंने जंग का एलान भी कर दिया है। उन्होंने सवाल किया है कि वेस्ट यूपी में अखिलेश अपनी सरकार के दौरान किए गए पांच काम भी नहीं बता सकते हैं। जबकि भाजपा ने वेस्ट यूपी को हाल ही में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का तोहफा दिया है। रैपिड रेल और गंगा एक्सप्रेस वे सहित दर्जनों बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा विधानसभा स्तर पर हजार करोड़ से डेढ़ हजार करोड़ रुपए तक के काम कराए गए हैं।