Lucknow University: 7 दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम में 18 सत्रों का हुआ आयोजन, आखिरी दिन 'विज्ञान व मिलान फाउंडेशन' ने कई मुद्दों पर की चर्चा
Lucknow University: मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में समाज कार्य विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का अंतिम दिन था। इस मौके पर पांच सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें स्टूडेंट्स को अलग-अलग मुद्दों पर जानकारी दी गई। साथ ही, कई सारे सामाजिक मुद्दों पर चर्चा भी की गई।
Lucknow University: मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में समाज कार्य विभाग (social work department) द्वारा आयोजित सात दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम (Seven Day Orientation Program) का अंतिम दिन था। इस मौके पर पांच सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें स्टूडेंट्स को अलग-अलग मुद्दों पर जानकारी दी गई। साथ ही, कई सारे सामाजिक मुद्दों पर चर्चा भी की गई। बता दें कि, इन सात दिनों में कुल 18 सत्र रखे गए थे। जिसमें स्टूडेंट्स ने अपने आपको निखारने, जागरूक करने और विश्विद्यालय के माहौल व रंग में ढ़लने की कोशिश की। आज पांच सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें स्टूडेंट्स के साथ विज्ञान व मिलान फाउंडेशन ने चर्चा की। आधुनिक तकनीक और बाल शिक्षा व गरीबी पर भी सभी ने अपने विचारों को एक-दूसरे से साझा किया।
विज्ञान व मिलान फाउंडेशन ने विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा
प्रथम सत्र का व्याख्यान 'विज्ञान फाउंडेशन' (Science Foundation) की अंजू पांडे द्वारा दिया गया। जिसमें उन्होंने बताया कि बच्चे और युवा हमारे समाज का भविष्य हैं, जिनकी क्षमताओं को पहचानने और उन्हें विकसित करने की जरूरत है। "गिविंग विंग्स टू ड्रीमर्स" प्रोजेक्ट के तहत मलिन बस्तियों के बच्चों को ओपन स्कूल में दाखिला कराकर उनको शिक्षित करना एवम् उनके व्यक्तित्व विकास करने को यह संस्था अग्रसर है। उन्होंने विद्याार्थियों से नेतृत्व और एक अच्छे नेता के विषय में चर्चा की। 'विज्ञान फाउंडेशन' (Science Foundation) वर्तमान में शहरी और ग्रामीण गरीब, बेघर, अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों, महिलाओं और बाल अधिकारों, निरक्षरता आदि पर काम कर रहा है। द्वितीय सत्र में मिलान फाउंडेशन (Milan Foundation) की अंजलि श्रीवास्तव ने अपने विचार "एक समान और समावेशी दुनिया बनाना" पर रखे। उन्होंने बालिका शिक्षा और उनसे जुड़े मुद्दे जैसे कि स्कूलों में नामांकन न होने के कारण, लैंगिक भूमिका, सुरक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता, बाल विवाह और जातिवाद पर अपने विचार रखे।
आधुनिक तकनीक और बाल शिक्षा व गरीबी पर हुई चर्चा
तृतीय सत्र में 'शोहरतगढ़ एनवायरमेंट सोसाइटी' (Shohratgarh Environment Society) के प्रोजेक्ट निदेशक सत्यांशु कुमार (Project Director Satyanshu Kumar) मुख्य वक्ता रहे। जिन्होंने पर्यावरण, स्वास्थ्य और जीवन कौशल के बारे बताया। उन्होंने विद्याार्थियों को आधुनिक तक़नीकी और रोजगारपरक कौशल से अद्यतन होने पर जोर दिया। चतुर्थ सत्र में संसाधन व्यक्ति रीता सिंह एवं 'मुक्ति फाउंडेशन' के अध्यक्ष प्रफुल्ल रहे। जिन्होंने बाल शिक्षा, गरीबी, पोषण और स्वास्थ्य के विषय में अपने विचार रखे। उन्होंने संस्था के मिशन ध्रुव, मिशन शक्ति, मिशन समर्पण के कार्यों का वर्णन किया। समाज कार्य के मूल्यों, सिद्धान्तों और क्षेत्र कार्य तक़नीकी को फील्ड वर्क में क्रियान्वयन करने के बारे में विद्याार्थियों को बताया।
मानवीय पहुलओं पर स्टूडेंट्स को मिली जानकारी
आखिरी और पन्चम सत्र में उम्मीद एनजीओ की सचिव आराधना सिकरवार (NGO secretary Aradhana Sikarwar), प्रताप विक्रम सिंह और वक्ता बलवीर सिंह मान (उम्मीद एनजीओ) उपस्थित रहे। उन्होंने समाज कार्य के मानवीय पहलुओं पर और समाज कार्य अभ्यास में आने वाली समस्याओं के विषय में बताया। साथ ही, व्यवहार परिवर्तन एवम् एक अच्छा सामाजिक कार्यकर्ता बनने के गुणों पर प्रकाश डाला। सात दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का संचालन डॉ मोहिनी गौतम द्वारा किया गया। कार्यक्रम के 18 सत्रों में समाज कार्य के शोधार्थियों आशूप्रिया, सुम्बुल खान, पवन कुमार, विश्वदीप, शिशिर और लाराइब ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस दौरान प्रो० अनूप कुमार भारतीय विभागाध्यक्ष और अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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