Population Control Law: इस विधानसभा सत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून को मिल सकती है मंजूरी

उत्तर प्रदेश विधानसभा का आगामी मानसून सत्र योगी सरकार का अंतिम सत्र है इसमें दो से अधिक बच्चे वाले जनसंख्या नियंत्रण कानून को मान्यता दी जा सकती है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-08-10 05:33 GMT

यूपी विधानसभा मानसून सत्र में सीएम योगी: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Population Control Law: उत्तर प्रदेश विधानसभा का आगामी मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। दरअसल, योगी सरकार के इस अंतिम सत्र में दो से अधिक बच्चे वाले जनसंख्या नियंत्रण कानून को मान्यता दी जा सकती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य वित्त आयोग ने विधेयक का अंतिम मसौदा तैयार कर लिया है। उम्मीद है कि आज इस मसौदे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया जाएगा ।

यहां यह बताना जरूरी है कि विधेयक को लेकर विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार पर हमलावर हैं। विपक्ष का दावा है कि यह विधेयक केवल विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र विधानसभा में प्रस्तुत किया जा रहा है । विधेयक के मसौदे के बारे में कहा गया है कि इसमें 2 से अधिक बच्चों के माता-पिता को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने समेत अन्य सुविधाओं से वंचित रखने की सिफारिश की गई है ।

वन चाइल्ड पॉलिसी

इसके अलावा वन चाइल्ड पॉलिसी को भी प्रोत्साहन दिया गया है। राज्य विधि आयोग की रिपोर्ट में विभिन्न वर्गों के संसोधन भी शामिल किए गए हैं । जिसमें अधिकतर लोगों ने इस विधेयक के बारे में अपनी सकारात्मक राय रखी है। इसमें इस बात का जिक्र भी है कि विधायक व सांसद बनने के लिए दो से अधिक बच्चों वालों को चुनाव लड़ने से रोका जाये


एक संतान वाले मां बाप को प्रोत्साहन

हांलाकि विधि आयोग के सूत्रों का कहना है कि कानून के पारित होने के एक साल बाद ही कानून लागू हो सकेगा। इसमें किसी विशेष जाति या धर्म को निशाने पर नहीं लिया गया है। साथ ही दो या दो से अधिक बच्चों वालों को सरकारी नौकरी तथा अन्य लाभों से प्रतिबन्धित कही जाने की बात सामने आई है। जबकि एक संतान वाले मां बाप को प्रोत्साहन देने की बात कही गयी है। इसके अलावा नसबंदी भी जबरन न करने की बात सामने आई है।

यह भाजपा का केवल चुनावी स्टंट है- विपक्ष

उल्लेखनीय है कि भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस काफी समय से जनसंख्या नियन्त्रण की बात कहता आ रहा है। अब जब विधानसभा चुनाव सामने है तो ऐसे में इस कानून को लेकर विपक्ष तरह तरह के सवाल खडे़ कर रहा है। विपक्ष का मानना है कि यह केवल चुनावी स्टंट ही है।यहां यह भी बताना जरूरी है कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ी जनसंख्या वाला प्रदेश बन गया है। यहां पर जन्म दर राष्ट्रीय दर से 2.2 प्रतिशत अधिक है।

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