Samajwadi Party ने BSP में फिर की सेंधमारी, अब इन दो नेताओं को पार्टी में किया शामिल

Samajwadi Party ने दो बसपा नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर एकबार फिर दिया तगड़ा झटका

Newstrack :  Network
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-10-25 20:36 IST

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ लालजी वर्मा और रामअचल राजभर(फोटो-न्यूजट्रैक)

Samajwadi Party Today News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने आज बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party mein sendhamari) को बड़ा झटका दिया। उसके दो कद्दावर नेताओं लालजी वर्मा (Lalji Verma) और रामअचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। उल्लेखनीय है कि कुछ महीनों पहले ही बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने अपने इन दोनों विधायकों को पार्टी से बाहर निकाल दिया था।

खास बात यह है कि इन दोनो विधायकों में एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जबकि दूसरे बसपा विधानमंडल दल के नेता थें। इन लोगों पर आरोप लगा कि पंचायत चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया। इस मामले में टिकट वितरण को लेकर लेनदेन का एक आडियो पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच वायरल हुआ था। जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा इस बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार थीं।

उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में बहुजन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की अध्यक्ष मायावती ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और दिग्गज नेता लालजी वर्मा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। उन पर पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा था। मायावती इन नेताओं से इतनी नाराज थी कि उन्होंने यह भी कह दिया था, इन दोनों विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाए। राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को उम्मीद थी कि शायद बहन जी उनको माफ कर दें। पर काफी दिनों तक जब इन नेताओं को मायावती ने माफ नहीं किया तो फिर तय हो गया कि अब ये दोनों नेता समाजवादी पार्टी में ही जाने वाले हैं। अम्बेडकरनगर जिले में बसपा कटेहरी एवं अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में काबिज थे।

इसके पहले बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिब्कातुल्लाह अंसारी तथा बसपा नेता अंबिका चौधरी ने भी सपा में घर वापसी कर चुके हैं। सिब्कातुल्लाह अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से 2007 में सपा और 2012 में कौमी एकता दल से विधायक रहे। 2017 में बसपा से मैदान में उतरे थे। इसी तरह पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने फिर से सपा का हाथ थाम लिया है। चौधरी 1993 से 2007 तक बलिया के फेफना सीट पर जीत दर्ज करते आए हैं। साल 2012 में भाजपा प्रत्याशी से हार गए थे। जबकि 2017 में उन्होंने सपा से टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर बसपा का दामन थाम लिया था।

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