UP Election 2022: पीएम मोदी के गढ़ में भाजपा का पुराने चेहरों पर दांव, जातीय समीकरण का रखा पूरा ध्यान

Up Election 2022: भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों की आठवीं सूची जारी कर दी है। इस सूची में 45 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-02-07 10:06 GMT

Bjp announcement candidate list (Social Media)

Up Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Up Election 2022) के लिए भारतीय जनता पार्टी (bjp released the eighth list of candidates) ने प्रत्याशियों की आठवीं सूची जारी कर दी है। इस सूची में 45 उम्मीदवारों (bjp announced 45 candidates name) के नाम का ऐलान किया गया है। इनमें पूर्वांचल के कई जिलों के प्रत्याशियों के नाम भी घोषित किए गए हैं। पूर्वांचल में प्रत्याशियों के चयन में भाजपा (Bjp) ने जातीय समीकरण और सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल रखा है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm narendra modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के प्रत्याशियों पर सबकी निगाहें लगी हुई थीं और पार्टी ने यहां भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। मोदी के संसदीय क्षेत्र में पार्टी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। यहां पर किसी भी विधायक का टिकट नहीं काटा गया है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में प्रत्याशियों को बदलने की मांग की जा रही थी मगर पार्टी ने इस मांग को दरकिनार करते हुए पुराने चेहरों के साथ ही मैदान में उतरने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की अंतिम मंजूरी के बाद ही प्रत्याशियों की सूची घोषित की गई है।

योगी सरकार के दोनों मंत्रियों को टिकट 

शहर उत्तरी और शहर दक्षिणी से योगी सरकार के दो राज्यमंत्रियों पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। शहर उत्तरी से मौजूदा विधायक रविंद्र जायसवाल को फिर टिकट दिया गया है जबकि शहर दक्षिणी से नीलकंठ तिवारी फिर पार्टी का चेहरा होंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में नीलकंठ तिवारी का मुकाबला कांग्रेस के डॉ राजेश मिश्रा से हुआ था। इस कड़े मुकाबले में नीलकंठ तिवारी विजयी होने में कामयाब हुए थे।

कैंट सीट पर भी प्रत्याशी में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सौरभ श्रीवास्तव को जीत हासिल हुई थी और वे एक बार फिर पार्टी की ओर से प्रत्याशी होंगे। सौरभ श्रीवास्तव का ताल्लुक सियासी परिवार से है और उनके पिता हरीश चंद्र श्रीवास्तव भी यहां से विधायक रह चुके हैं। उनकी मां ज्योत्सना श्रीवास्तव भी इस सीट पर जीत हासिल कर चुकी हैं। अब सौरभ दूसरी बार इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे।

शिवपुर में राजभर बनाम राजभर की लड़ाई 

शिवपुर विधानसभा सीट पर राजभर बनाम राजभर की लड़ाई की बिसात बिछ गई है। पिछले चुनाव में सीट पर जीत हासिल करने वाले अनिल राजभर पार्टी के प्रत्याशी होंगे जबकि सुभासपा ने इस सीट पर ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को चुनाव मैदान में उतारा है। दोनों प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार पहले ही शुरू कर दिया है और इस सीट पर इस बार दिलचस्प जंग की उम्मीद जताई जा रही है। सपा की ओर से कई दावेदारों की नजर भी इस सीट पर लगी हुई थी मगर सपा-सुभासपा के गठबंधन में यह सीट सुभासपा के कोटे में जाने से सपा के दावेदारों को करारा झटका लगा है।

पिंडरा सीट को लेकर नाराजगी

प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा चर्चा पिंडरा सीट को लेकर हो रही है। इस सीट पर अपना दल एस की ओर से भी दावा किया जा रहा था। भाजपा की ओर से इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा पर अपना दल एस ने नाराजगी भी जताई है। भाजपा की ओर से सीट पर डॉ अवधेश सिंह को फिर प्रत्याशी बनाया गया है जबकि अपना दल एस ने इस सीट को लेकर भाजपा से नेतृत्व से फिर चर्चा करने की बात कही है। अवधेश सिंह को लेकर पार्टी का एक खेमा नाराज बताया जा रहा है और पार्टी में इस बार प्रत्याशी बदलने की मांग भी उठ रही थी मगर अवधेश सिंह पार्टी का टिकट पाने में फिर कामयाब रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सुभासपा से गठबंधन था और अजगरा सुरक्षित सीट सुभासपा के कोटे में गई थी। इस सीट पर सुभासपा के उम्मीदवार कैलाश सोनकर ने जीत हासिल की थी मगर सुभासपा से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने इस सीट पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बसपा के टिकट पर अजगरा से पूर्व में जीत हासिल कर चुके त्रिभुवन राम को इस सीट पर चुनाव मैदान में उतारा गया है।

आसपास की सीटों पर भी पुराने चेहरे 

यदि अगल-बगल के जिलों की बात की जाए तो चंदौली की सैयदराजा विधानसभा सीट से पार्टी ने एक बार फिर सुशील सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। भदोही और औराई विधानसभा सीट पर भी पार्टी की ओर से कोई बदलाव नहीं किया गया है। भदोही सीट से रविंद्र त्रिपाठी एक बार फिर पार्टी के प्रत्याशी होंगे जबकि औराई विधानसभा सीट पर एक बार फिर दीनानाथ भास्कर टिकट पाने में कामयाब रहे हैं। चुनार सीट पर पार्टी के पुराने चेहरे अनुराग सिंह को एक बार फिर मौका दिया गया है जबकि मड़िहान सीट पर रमाशंकर पटेल को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 

गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय को एक बार फिर पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। जानकारों के मुताबिक अलका राय इस बार अपने बेटे को टिकट दिलाना चाहती थीं जबकि उनके भतीजे ने भी टिकट के लिए जोर लगा रखा था मगर पार्टी ने अलका राय पर ही एक बार फिर भरोसा जताया है। 

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