UP Elections 2022: SP का दामन थाम चुके स्वामी मौर्य ने 'योगी सरकार' को सराहा, बोले- 'हमने पिछले 10 साल से ज़्यादा रोजगार दिए'

बहुत कम बार ऐसा देखा गया है, कि सत्ता पक्ष का कोई मंत्री, यदि विपक्षी पार्टी ज्वाइन करता है, उसके बावजूद सत्ता पक्ष का गुणगान कर रहा हो। मगर, ऐसा होते हुए देखा गया। जी हां, और वो भी प्रदेश सरकार में पूर्व श्रम रोजगार मंत्री और समाजवादी पार्टी के नए नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा।

Written By :  Shashwat Mishra
Published By :  aman
Update:2022-01-26 12:05 IST

कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों (UP Elections 2022) का सियासी पारा रोज़ाना घट-बढ़ रहा है। सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों को इस 'उम्मीद' में टिकट दे रही हैं कि वह अपनी जीत से पार्टी को फ़ायदा पहुंचाएंगे। हालांकि, इसके लिए सभी पार्टियां, अपने विपक्षी दलों के आंगन में भी झांक रही है। और, वहां के मज़बूत नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश भी कर रही है।

बहरहाल, ये सब तो राजनीति का हिस्सा है। लेकिन, बहुत कम बार ऐसा देखा गया है, कि सत्ता पक्ष का कोई मंत्री, यदि विपक्षी पार्टी ज्वाइन करता है, उसके बावजूद सत्ता पक्ष का गुणगान कर रहा हो। मगर, ऐसा होते हुए देखा गया। जी हां, और वो भी प्रदेश सरकार में पूर्व श्रम रोजगार मंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नए नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा। हाल ही में, एक टीवी चैनल में इंटरव्यू (Interview) के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने कार्यकाल में किए गए कामों का इस तरीके से बखान किया, मानो वो अब भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) का ही हिस्सा हों।

पिछड़ों और किसानों की उपेक्षा का लगाया था आरोप

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने 11 जनवरी को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने त्याग पत्र (Resignation Letter) में कहा, कि भारतीय जनता पार्टी के दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।

मकर संक्रांति पर समाजवादी पार्टी में हुए थे शामिल

कुशीनगर (kushinagar) की पडरौना सीट (Padrauna Seat) से विधानसभा चुनाव लड़ रहे, स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी का दामन थामने से बीजेपी को करारा झटका लगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ही वो शख़्स थे, जिन्होंने सबसे पहले बीजेपी से इस्तीफ़ा दिया। उसके बाद मंत्री धर्म सिंह सैनी (Dharam Singh Saini) और दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) सहित करीब 10 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया था।

'पिछले 10 साल से ज़्यादा रोजगार दिया'

एक टीवी चैनल को दे रहे इंटरव्यू में, स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने कार्यकाल (जब वो योगी मंत्रिमंडल का हिस्सा थे) में किये गये कार्यों को गिनाते-गिनाते वह सब गिना बैठे, जिन्हें बताकर योगी सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। जिसका वीडियो भारतीय जनता पार्टी के ट्विटर हैंडल से शेयर भी किया गया है। इसमें वह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि 'जितना पिछले 10 साल में रोजगार नहीं दिया गया, उससे अधिक हमने अपने कार्यकाल में दिया। पहले सिर्फ 7 लाख श्रमिक लाभार्थी थे और 5 साल में 1 करोड़ हो गए। पहले सिर्फ 34 लाख मजदूरों का पंजीयन और 5 साल में 1.30 करोड़।'


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