UP News : बिजली इंजीनियरों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार 26 अक्टूबर से, उत्पीड़न का कर रहे विरोध

26 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत अभियंता संघ ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-23 22:52 IST

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत अभियंता संघ (फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत अभियंता संघ (Uttar Pradesh State Vidyut Parishad) ने 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। यह अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार अभियंता संघ की समस्याओं का समाधान न होने और कॉर्पोरेशन प्रबंधन के द्वारा जारी उत्पीड़न के विरोध में किया जा रहा है। संघ की ओर से सभी उर्जा निगमों के प्रबंधन को जारी नोटिस में कहा गया है कि 4 अक्टूबर से आंदोलन शुरू होगा और समस्याओं का समाधान न होने पर 26 अक्टूबर से सभी ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर दिया जाएगा।

6 अक्टूबर से शुरू होगा आंदोलन

आंदोलन के संबंध में अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह और महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि चार और पांच अक्टूबर को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अभियन्ता काली पट्टी बांध कर विरोध दिवस मनाएंगे।

इसके बाद 6,7,8 अक्टूबर को शाम 4 बजे से 5 बजे तक एक घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 11 और 12 अक्टूबर को शाम 3 बजे से 5 बजे तक दो घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक तीन घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा।

18 अक्टूबर से ही सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता नियमानुसार कार्य आन्दोलन प्रारम्भ कर देंगे। जिसके अन्तर्गत शाम 5 बजे से अगले दिन सुबह 10 बजे तक कोई कार्य नहीं करेंगे। साथ ही विद्युत अभियन्ता कार्य के समय में भी केवल अपने लिए ही निर्धारित कार्य करेंगे, अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे। 26 अक्टूबर से सभी अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर देगें।

अभियन्ता संघ की प्रमुख मांगे

सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का पुनर्गठन किया जाये।

6 अक्टूबर, 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफआईआर वापस ली जाये।

वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये।

निदेशक के पदों पर आयु सीमा 60 वर्ष की जाये। ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें।

उत्पीड़न की दृष्टि से पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें।

सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये।

अभियन्ताओं की सभी वेतन विसंगति दूर की जाये।

उत्पादन निगम में 2008 ईएंडएम बैच व 2011 सिविल बैच की पदोन्नतियां सुनिश्चित की जायें तथा पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जायें।

प्रबन्धन को प्रेषित नोटिस में अभियन्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी अभियन्ता का आन्दोलन के कारण उत्पीड़न किया गया तो बिना कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगम के अभियन्ता सीधी कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।

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