जानिए अयोध्या में क्यों जारी हुआ अलर्ट
सुरक्षा एजेंसियों से आतंकी हमले का अलर्ट मिलते ही पूरा प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मोहम्मद उमर मदनी के नेपाल के रास्ते गोरखपुर अथवा अयोध्या पहुंचने की आशंका जताई है।
लखनऊ: सुरक्षा एजेंसियों से आतंकी हमले का अलर्ट मिलते ही पूरा प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मोहम्मद उमर मदनी के नेपाल के रास्ते गोरखपुर अथवा अयोध्या पहुंचने की आशंका जताई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवानों को तैनात करते हुए रामनगरी में हर आने-जाने वाले लोगों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। शुक्रवार को पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाकर नगर के होटल व धर्मशालाओं को भी खंगाला। अयोध्या के मंदिरों पर भी पुलिस की खास नजर है। रामजन्मभूमि जाने वाले मार्ग पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
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पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में हुए फिदायीन आतंकी हमले के आरोपितों को इलाहाबाद हाई कोर्ट 18 जून को सजा सुनाएगा। कोर्ट के इस फैसले को लेकर भी अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस आतंकी हमले का सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए छह आतंकी मार गिराए थे। उसके बाद अलग-अलग जगहों से पांच आतंकी गिरफ्तार हुए थे। इसी मामले में 18 जून को फैसला आने वाला है। प्रशासन के इस हाई अलर्ट के दौरान रामनगरी में कई वीआईपी आने वाले हैं, जिसमें डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा अयोध्या पहुंच चुके हैं। वे सरयू जयंती और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। 15 जून को इसी कार्यक्रम डिप्टी सीएम केशव मौर्या के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रमुख संत धर्माचार्याें की उपस्थिति रहेगी। 16 जून को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने सभी सांसदों के साथ रामलला का दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की बेचैनियां बढ़ गई हैं।
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खुफिया एजेंसियों की सूचना के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मोहम्मद उमर मदनी गोरखपुर और अयोध्या में बेस बनाने की फिराक में है, जिसको लेकर वह मदरसों पर नजर रख रहा है। बताया जा रहा है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए उसको हिंदुस्तान भेजा गया है। खुफिया एजेंसियों को इस बात के इनपुट मिले हैं कि वह नेपाल के रास्ते गोरखपुर और अयोध्या पहुंच सकता है।