Ayodhya News: विधानसभा चुनाव के पहले अयोध्या अपने पौराणिक और धार्मिक स्वरूप में दिखेगी
अयोध्या आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को अयोध्या के पौराणिक स्वरूप की अनुभूति हो। इसके लिए सभी घाटों को संरक्षित करते हुए, उनका सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।
लखनऊ: अयोध्या के धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार इसे विश्वस्तरीय धार्मिक, वैदिक व सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने को लेकर काम कर रही है। राज्य सरकार की योजना कुछ महीनों बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे सांस्कृतिक और घार्मिक स्वरूप् को वापस दिलाने की है।
गौरतलब है कि इन दिनों अयोध्या को सनातन परम्परा के अनुसार आध्यात्मिक केन्द्र, वैश्विक पर्यटन स्थली तथा सस्टेनेबल नगरी के रूप में विकसित की जा रही है। इससे अयोध्या के विकास से यह धाम वैश्विक पहचान स्थापित करते हुए अपने मौलिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक स्वरूप के साथ उभरेगा। पूरे क्षेत्र में जलाशयों का संरक्षण, इण्टेलीजेण्ट ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम, पशु संरक्षण, बाहरी रिंग रोड और अन्य सड़क परियोजनाओं, सोलर सिटी, वृक्षारोपण, नई रोजगार गतिविधियों आदि के लिए कार्य योजना बनाकर तेजी से किया जा रहा है।
डेवलेपमेण्ट परियोजनाओं पर किया जा रहा कार्य
इसके अलावा अयोध्या मेन स्पाइन रोड, सुग्रीव किले से श्रीराम मन्दिर मार्ग, श्रृंगार हाट से श्रीराम मन्दिर तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से सम्बन्धित परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। साथ ही, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, ग्रीनफील्ड टाउनशिप, पर्यटन सुविधा केन्द्र, अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय, स्मार्ट रोड, रिवर फ्रण्ट डेवलेपमेण्ट परियोजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है।
पंचकोसी, चैदह कोसी तथा चौरासी कोसी परिक्रमा मार्गों का निर्माण
अयोध्या में पंचकोसी, चैदह कोसी तथा चौरासी कोसी परिक्रमा के महत्व को देखते हुए मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा पर्यटन विभाग को अयोध्या के पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को भी विकसित करने का काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या के विकास कार्यों और परियोजनाओं के लिए हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेकर सभी योजनाओं को निर्धारित टाइम लाइन में पूरा किए किया जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न पंथ व सम्प्रदायों, अन्य संस्थाओं, अतिथि गृहों, विश्रामालय आदि के लिए भूमि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय को प्राचीन गौरव के साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की परम्परा से समावेशित करते हुए विकसित किया जाए।
श्रद्धालुओं को अयोध्या के पौराणिक स्वरूप की अनुभूति होगी
इस तरह की व्यवस्था की जा रही है कि अयोध्या आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को अयोध्या के पौराणिक स्वरूप की अनुभूति हो। इसके लिए सभी घाटों को संरक्षित करते हुए, उनका सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।