Ayodhya: समदा झील परियोजना की टेंडर प्रक्रिया पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप

Ayodhya: समदाझील परियोजना बड़ी तेजी से टेंडर प्रक्रिया के साथ शुरू हो गई, लेकिन टेंडर प्रक्रिया के साथ ही इस योजना में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगने लगा।

Report :  NathBux Singh
Update: 2022-10-02 10:39 GMT

Ayodhya: समदा झील परियोजना की टेंडर प्रक्रिया पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप

Ayodhya: अयोध्या राम नगरी को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की प्रदेश सरकार (State Government) की योजना में एक अति महत्वपूर्ण परियोजना पर्यटकों के लिए बनाई जा रही समदाझील परियोजना (samdazheel project) बड़ी तेजी से टेंडर प्रक्रिया के साथ शुरू हो गई, लेकिन टेंडर प्रक्रिया के साथ ही इस योजना में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगने लगा उक्त परियोजना का निरीक्षण अयोध्या के मंडलायुक्त व प्रदेश के पर्यटन मंत्री द्वारा किया जा चुका है, लेकिन कार्यदाई संस्था अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) पता नहीं क्यों स्थिति को स्पष्ट करने से भाग रही है जिससे आशंकाएं और प्रबल हो जाती है की इस विकास योजना की जांच किया जाना जनहित में अति आवश्यक है।

कार्यस्थल पर प्राधिकरण द्वारा योजना से संबंधित शासन के निर्देशों के बावजूद कोई बोर्ड नहीं लगाया गया, जिससे परियोजना के बारे में किसी को कुछ पता नहीं होने वाला इसी तरह परियोजना की जानकारी करने के लिए , न्यूजट्रैक संवाददाता द्वारा केंद्र सरकार के कानून जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का सहारा लिया तो उसे भी नकार दिया गया जिससे परियोजना में गड़बड़ी होने की आशंकाओं को और मजबूती मिल गई। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दिनांक 24/ 8/22 को 5 बिंदुओं पर सूचना प्राप्त करने हेतु जन सूचना अधिकारी अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या को प्रस्तुत किया गया था।

  • समुदाय झील मिट्टी की खुदाई का मानक क्या निर्धारित किया गया है।
  • यह की झील की गहराई कितनी आगणन में निर्धारित की गई है तथा बंदे के निर्माण में चौड़ाई और लंबाई कितनी निर्धारित की गई है। विवरण सहित सूचना प्रदान करें।
  • लकी संध्या झील के निर्माण में विभाग द्वारा आगणन धनराशि 7, 37,18,208/ निर्धारित किया गया है। उसमें कौन-कौन कार्य कराए जाएंगे, जिसका विवरण दिया जाए।
  • यह की समदा झील की निविदा में मेसर्स राजकुमार तिवारी को 31 पॉइंट 99% निम्न प्रदान की गई है तो उसकी लागत क्या, निर्धारित की गई।
  • करण द्वारा वर्क आर्डर पर कितने काम कराए गए किन से कराए गए।

इसकी सूचना प्राप्त करना शामिल था, जिस पर अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा अपने पत्रांक संख्या 3250 दिनांक 24/9/22 को जो सूचना भेजी वह अपने में स्वयं हास्य पद है? कानून का अनुपालन न कर भ्रष्टाचार व तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया गया है जिसमें कहा गया है संबंधित अवर अभियंता द्वारा जो सूचना दी गई है उसमें नियमों का कहीं कोई हवाला नहीं है और चाही गई सूचना प्रश्नवाचक बताते हुए सूचना अधिकार अधिनियम से आच्छादित नहीं होने के कारण सूचना दिया जाना संभव नहीं बताया गया है।

अब सवाल यह उठता है की जो क्रियाकलाप प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है और जो तथ्य , पत्रावली में उपलब्ध है उसे प्रश्नवाचक बता कर सूचना न देकर भ्रष्टाचार को छुपाने का सीधा सीधा काम अवर अभियंता द्वारा किया जा रहा है इस बात की शिकायत भी इन पत्रों को भेजकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से किया गया है।

सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपील अपीलीय अधिकारी के समक्ष किया प्रस्तुत

फिलहाल सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपील अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है, जिसमें यह कहा गया है जो भी सूचना संसद या विधानमंडल दल के किसी भी सदन में देने से मना नहीं किया जा सकता। वह सारी सूचना दी जाएगी और इस प्रकरण में यही लागू होता है की सूचना न दिया जाना केंद्रीय कानून का उल्लंघन है तथा तथ्यों को छिपाने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस बात की जांच कराने की मांग भी प्रदेश के मुख्यमंत्री से भाजपा नेता एपी सिंह ने किया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है ड्रीम प्रोजेक्ट

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है मैं किसी प्रकार की हिला वाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी टेंडर प्रक्रिया से ही इस परियोजना में गड़बड़ी की आशंकाओं को बल मिलता दिखाई पड़ रहा है। क्योंकि जिस तरीके से टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई वह स्वयं में ही संदेहास्पद है, जबकि तीन टेंडर पड़े थे जिसमें सबसे न्यूनतम 33 पॉइंट 99% निम्न पर बिना प्रदेश सरकार की अनुमति के, कार्यदाई संस्था द्वारा एग्रीमेंट कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह कार पूरी तरीके से मैनेजमेंट की तरह किया गया और किसी को टेंडर नहीं डालने दिया गया। एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए उसी द्वारा अपने चहेते लोगों को साथ रखकर निविदा प्रक्रिया पूर्ण की गई अब धीरे से अनुमानित लागत से हटकर और भी धन आवंटित किए जाने की योजना है।

सांसद ने एसआईटी से जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

उधर, अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने माझाक्षेत्र डूब में प्राधिकरण के कृत्य की जांच एसआईटी से कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है जो जांच अभी शुरू नहीं हुई है। गौरतलब है कि माझा औरजमथरा क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए ही सैकड़ों मकान बन गए इसी तरह प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत तमाम अवैध कालोनिया निर्मित हो गई और यह कार्य प्राधिकरण के अवर अभियंताओं द्वारा की जा रही अवैध वसूली के कारण हो पाया है।

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