Ayodhya News: जिला जज ने लोक अदालत का किया शुभारम्भ, निस्तारित किए गए 34 हजार से अधिक मामलें

Ayodhya News: जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत की मूल भावना में समाहित है लोक कल्याण की भावना, सुलह समझौता के दौरान सभी का मान, सभी का सम्मान, सभी को न्याय मिले इसका ध्यान रखा जाता है।

Report :  NathBux Singh
Update:2023-09-10 20:43 IST

(Pic:Social Media)

Ayodhya News: लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम मे रामायण शर्मा, प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, अशोक कुमार दूबे,ए डी जे सुशील कुमार शशी, एकता सिंह, आदि सभी न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत की मूल भावना में समाहित है लोक कल्याण की भावना सुलह समझौता के दौरान सभी का मान, सभी का सम्मान, सभी को न्याय मिले इसका ध्यान रखा जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से वादों को निस्तारित कराया जाता है। इतिहास में दर्ज है कि सदियों पहले जब अदालतें नहीं हुआ करती थी तब दो पक्षों के आपसी मतभेद को सुलह-समझौता के माध्यम से समाज के गणमान्य व्यक्ति एक निर्धारित स्थल पर बैठकर दोनों पक्षों की बात सुनकर यह निर्णय लेते थे कि दोनों पक्षों का हित किसमें हैं। इसी को देखते हुए सुलह समझौता कराते थे और समाज में इसके सार्थक परिणाम भी दिखाई पड़ते थे।

सुलह समझौते में दोनों पक्षों के मध्य आपसी क्लेश, मतभेद एवं दुर्भावना समाप्त हो जाती थी। लोक कल्याण के भावना से ओत-प्रोत उसी स्वरूप को माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा विस्तार रूप देते हुए एक स्थल, एक मंच पर बहुत सारे वादों को सुलह-समझौता के आधार पर समाप्त कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित कराने का निर्देश दिये जाते हैं, जिसमें दोनों पक्षों के हित के साथ सामाजिक प्रेम भावना भी समाहित है। उन्होंने आगे कहा कि लोग मिल-जुल कर प्रेम भावना से रहे, जो समाज एवं राष्ट्र के हित में है। यदि आपसी मतभेद पनपते भी है, तो उसे शांत एवं सद्भाव के साथ समाप्त करने का प्रथम प्रयास दोनों पक्षों द्वारा किया जाना चाहिए। यदि प्रथम प्रयास में दोनों पक्ष सफल नहीं होते है तभी उन्हें न्यायालय के शरण में जाना चाहिए।

उन्होंने आगे बताया कि जनपद न्यायालय परिसर के अतिरिक्त क्लेक्ट्रेट एवं सभी तहसीलों में आपसी सुलह-समझौता के आधार पर वादों का निस्तारण हुआ। शैलेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि लोक अदालत के आयोजन में आने वाले दोनों पक्षों के बैठने, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था रही। बृजेश कुमार सिंह, अपर जिला जज / नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत एवं शैलेन्द्र सिंह यादव सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जनपद न्यायालय फैजाबाद के अनुसार दिनांक 09 सितम्बर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 34091 वादों को निस्तारित किया गया एवं कुल समझौता राशि मु0 954,52,784 रू है। बैंक रिकवरी से संबंधित 774 प्री -लिटिगेशन बाद निस्तारित किये गये तथा बैंक संबन्धित मु0 5,79,04,191 /- रू० वसूल किये गये। पारिवारिक विवाद से सम्बन्धित 89 मुकदमों को निस्तारित किया गया है, जिसमें कई पुराने बाद निस्तारित किये गये। संबंधित मजिस्ट्रेट न्यायालयों द्वारा 10430 वाद निस्तारित किया गया, जिसके एवज में कुल 315205 /- रू० अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। सिविल न्यायालय द्वारा कुल 75 मामलों का निस्तारण किया गया। राजस्व मामलों से संबन्धित 22710 वाद विभिन्न राजस्व न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये।

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