Ayodhya News: किसानों के काम की खबर! फसल सुधार के लिए अपनायें ऊतक संवर्धन तकनीकी, बोले कुलपति
Ayodhya News: ऊतक के छोटे टुकड़े का उयोग एक सतत प्रक्रिया में सैकड़ों और हज़ारों पौधों का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता
Ayodhya News: फसल सुधार के लिए ऊतक संवर्धन को सबसे कुशल तकनीक माना जाता है। बड़े पैमाने पर पौधों के गुणन के लिए पादप ऊतक संवर्धन तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। पादप ऊतक संवर्धन का उपयोग किसी पौधे के आनुवांशिक संशोधन या बस उसकी उपज बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। यह बात आज यहाँ कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने एक कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कही।
अधिष्ठाता डा. संजय पाठक ने बताया कि पादप ऊतक संवर्धन तकनीकें पादप प्रसार, रोग उन्मूलन, पादप सुधार और द्वीतीयक म्टाबोलाइट्स के उत्पादन के क्षेत्र में प्रमुख औद्योगिक महत्व बन गई हैं। उन्होंने बताया कि ऊतक के छोटे टुकड़े का उयोग एक सतत प्रक्रिया में सैकड़ों और हज़ारों पौधों का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है। कार्यक्रम का आयोजन नाहेप के वित्तीय सहयोग से किया गया।
ग़ौरतलब है कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय की ओर से "फलों की फसलों में पदप ऊतक संवर्धन एवं आण्विक मार्कर तकनीकें" विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ । फल विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित यह कार्यशाला विवि के हाईटेक हाल में आयोजित की गई । जिसका उद्घाटन कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने किया। इस कार्यशाला में देशभर से दर्जनभर वैज्ञानिक विस्तार से जानकारी देंगे।
फसल सुधार के लिए अपनायें ऊतक संवर्धन तकनीकीकार्यशाला का संयोजन डा. कुलदीप पांडेय व डा. जगवीर सिंह ने किया। इस मौके पर समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।